बेसिक शिक्षा विभाग का नया फरमान जारी, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों को करना पड़ेगा ये भी काम
बेसिक शिक्षा विभाग की कोई योजना बिना अनुदेशक और शिक्षा मित्र परवान नहीं चढ़ सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग ने अब अनुदेशक शिक्षा मित्र को लेकर एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों को गाँव गाँव जाकर घुमंतू और भट्टों से भी बच्चों को लाकर स्कूल में दाखिला कराना होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए फरमान में स्कूल में कार्यरत पूर्णकालिक अध्यापक का इसमें कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है। इस फरमान में लिखा गया है नए शैक्षिक सत्र में शिक्षामित्र व अनुदेशक परिवार सर्वेक्षण अभियान के तहत 1 से 15 अप्रैल तक ईंट भट्ठों, खदानों, कारखानों, होटलों, मलिन बस्तियों, घुमंतू व मौसम पलायन से प्रभावित परिवारों के बच्चों को स्कूल पहुंचाएंगे।
इस परिवार सर्वेक्षण अभियान की जिम्मेदारी अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों के कंधे पर रहेगी। अनुदेशक और शिक्षा मित्र सरकार की प्रत्येक योजना को परवान चढ़ा कर सूबे की योगी सरकार की पाठशाला नंबर बन बनाता है। बात चाहे निपुण भारत की हो या फिर स्कूल चलो अभियान की अनुदेशक और शिक्षा मित्रों को ही कमान संभालनी पड़ती है क्योंकि आज भी सैकड़ों की संख्या में अनुदेशक और शिक्षा मित्र एकल विद्यालय चलाते है।
अब बात आती है इस भागदौड़ में अनुदेशक और शिक्षा मित्र आपने को कैसे मेन्टेन करेगा यह सवाल जरूर बनेगा जिस प्र विभाग को जरा भी चिंता नहीं होती है। इस चिंता को भी विभागीय अधिकारी जरूर सोचें कार्य चाहे और ज्यादा लेन लेकिन इनके पेट भरने की व्यवस्था भी की जाए।