अब पंचायत चुनाव को हाईकोर्ट में फिर मिली चुनौती, क्या बदल जाएगी आरक्षण सूची ?
यूपी पंचायत चुनाव बना सरकार के गले की हड्डी
उत्तर प्रदेश में इन दिनों पंचायत चुनावों पर घमासान जारी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आई सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची की। जिसे एक याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेते हुए एक बार फिर आरक्षण सूची को रद्द करते हुए वर्ष 2015 को आधार मानते हुए आरक्षण सूची जारी करने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर सरकार ने वर्ष 2015 को आधार मानते हुए पुनः आरक्षण सूची जारी कर दी। लेकिन इस बार इस आरक्षण सूची को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया और हाईकोर्ट पर जाने को कहा। जिसके बाद याचिकाकर्ता एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया है। और आरक्षण सूची पर पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है।
याचिकाकर्ता के वकील एपी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि मामला प्रदेश का है लिहाजा यह याचिका हम यूपी के हाईकोर्ट में ही सुनेगे। लिहाजा हम आज ही इस याचिका को हाईकोर्ट में मूव करेंगे और उन्होंने याचिका दायर की जिसे कोर्ट ने सुनने के लिए स्वीकार कर लिया है। लिहाजा पंचायत चुनाव सरकार के गले की हड्डी बनकर रह गया है।
इस बीच 26 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान करते हुए नामांकन की तारीख की भी घोषणा कर दी। 3 से 5 अप्रैल तक नामांकन होगा जबकि चार चरणों में 15, 19, 26, 29 अप्रैल को पंचायत चुनावों की वोटिंग होनी है। इसके साथ ही इन चुनावों का परिणाम 2 मई को किया जाएगा। इससे पहले एक बार फिर मामला हाईकोर्ट पर है। अब सभी की निगाहें हाई कोर्ट पर टिकी हुई हैं।