यूपी में कारोबारी के फ्लैट में घुसकर पुलिसकर्मियों का डाका, 1.85 करोड़ लूटे, 2 दरोगा सस्पेंड

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दो दरोगा, उनके मुखबिर और चार अज्ञात साथियों के खिलाफ बंधक बनाकर डकैती की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

Update: 2019-03-10 03:34 GMT

लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस की बर्दी पर दाग लगा है। गोसाईगंज थाने के दरोगा ने शनिवार को छापेमारी की आड़ में एक फ्लैट में घुसकर कारोबारी के 1.85 करोड़ रुपये पर डाका डाल दिया। बंदूक के दम पर हुई यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। जानकारी मिलने पर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दो दरोगा, उनके मुखबिर और चार अज्ञात साथियों के खिलाफ बंधक बनाकर डकैती की रिपोर्ट दर्ज करवाई। दोनों दरोगा को निलंबित कर पूछताछ की जा रही है। फ्लैट से रुपये से भरा बैग लेकर निकले मुखबिर और अज्ञात सहयोगियों की तलाश हो रही है। 

पुलिस ने बताया कि गोसाईंगंज थाने के दरोगा आशीष तिवारी, पुलिस लाइंस में तैनात एसआई पवन मिश्रा, मुखबिर मधुकर मिश्रा चार अन्य लोगों के साथ शनिवार सुबह सरसवां स्थित ओमेक्स सिटी के फ्लैट नंबर 104 में कालाधन पकड़ने के लिए छापेमारी के बहाने घुस गए।

इन लोगों ने वहां मौजूद खनन कारोबारी सुलतानपुर निवासी अंकित अग्रहरि, अश्वनी पांडेय, बल्दीखेड़ा गोसाईंगंज के अभिषेक वर्मा, अमेठी के अभिषेक सिंह, ग्वालियर के जितेंद्र तोमर, सचिन, रुदौली के कुलदीप और शुभम गुप्ता को गन पॉइंट पर ले लिया। तलाशी लेने पर फ्लैट में रुपये से भरे दो बक्से और एक अवैध पिस्टल मिली।

विरोध करने पर हुई पिटाई

अंकित के मुताबिक, पुलिस ने एक बक्से से रुपये बैग में भरे और मधुकर उसे लेकर फ्लैट से निकल गया। विरोध करने पर सभी को बुरी तरह पीटा। इसके बाद पवन ने अहिमामऊ चौकी प्रभारी प्रेमशंकर पांडेय को अवैध पिस्टल की जानकारी देकर फ्लैट पर बुलाया, लेकिन चौकी प्रभारी ने आरोपियों को थाने ले जाने को कहा। पवन और आशीष सभी को बाकी रकम और पिस्टल के साथ थाने ले आए।

बड़ी रकम देखकर पुलिस ने आयकर विभाग के अफसरों को सूचना दी। अधिकारी थाने पहुंचे तो अंकित ने बताया कि फ्लैट में 3.38 करोड़ रुपये रखे थे। यह रकम उन्हें बांदा में अपने खदान पर पहुंचानी थी, लेकिन पुलिस ने एक बक्से से काफी रकम लूट ली। गिनती करने पर दोनों बक्सों में 1.53 करोड़ रुपये मिले। 



एसएसपी के निर्देश पर एसपी ग्रामीण विक्रांत वीर कारोबारी के फ्लैट पहुंचे और वहां लगा सीसीटीवी कैमरा खंगाला। फुटेज में मुखबिर मधुकर बैग लेकर जाता दिखा। कारोबारियों को गन पॉइंट पर लेकर लूटपाट करते पुलिसवाले और उनके साथी भी नजर आए।

एसओ गोसाईंगंज ने बताया कि मधुकर ने फ्लैट में अवैध रकम होने की जानकारी दी थी। इस पर दरोगा आशीष ने उन्हें जानकारी देने की जगह अपने दोस्त एसआई पवन को बुलाया। पवन और बाकी लोग सादे कपड़ों में जबकि आशीष वर्दी पहनकर फ्लैट में घुसा।

कैबिनेट मंत्री के फोन पर सक्रिय हुए अफसर

सूत्रों के मुताबिक फैजाबाद निवासी गौरव सिंह के फ्लैट में ठहरे कारोबारियों में एक कैबिनेट मंत्री का करीबी है। उसे थाने में लाने की जानकारी मिलते ही मंत्री ने अफसरों को फोन लगाया। करीब दो घंटे तक कारोबारियों से थाने में पूछताछ कर रही पुलिस मंत्री का फोन आते ही सकते में आ गई। आयकर अफसरों ने तत्काल रकम को कब्जे में लिया और कारोबारियों से खुद पूछताछ में जुट गए और कालेधन का कोई साक्ष्य न मिलने से पुलिस का खेल बिगड़ गया। 

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