गांधी परिवार का एक और सदस्य कल अपने राजनैतिक सफर का देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से शुरुआत करेगा. इस सफर के शुरुआत के समय उनके ही समकक्ष महासचिव पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे. यह शुरुआत यूपी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में संजीवनी का काम करने के लिए की जा रही है. हालांकी तीन राज्यों के परिणाम के बाद कार्यकर्ता उत्साहित है.
उत्तर प्रदेश में बीते कई सालों से एक नारा गूंज रहा था जो था प्रियंका लाओ देश बचाओ. कांग्रेस कार्यकर्ता प्रियंका गांधी में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की छवि देखता है. उनके बोलचाल के ढंग का भी काफी मेल जोल उनसे खाता है. इसलिए लोग प्रियंका में इंदिरा का अख्स ढूढते है. यूपी में मृतप्राय हो चली कांग्रेस को जीवित करने की बड़ी जिम्मेदारी अब प्रियंका गांधी को दी गई है. साथ ही उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान भी सौंपी गई है. उधर उनके साथ ही बनाये गये नये युवा महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी की कमान सौंपी गई है.
ये दोनों युवा नेता सोमवार ग्यारह फरवरी को लखनऊ से यूपी में कांग्रेस के जीवन दान को लेकर शंखनाद करेंगे. अगर इनका कल का कार्यक्रम अच्छे स्तर पर हो जाता है तो विपक्षी दलों में हडकम्प मच जाएगा. क्योंकि एबीपी न्यूज के सर्वे में आधिकतर लोंगों ने प्रियंका के आने से कांग्रेस की अच्छे दिन आना तय बताया है. जबकि बीजेपी अंदर से डरी हुई है लेकिन बाहरी तौर पर मान रही है कि प्रियंका उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगी. यह बात तो अभी नहीं कही जा सकती है लेकिन कल की भीड़ आगे का रास्ता जरूर तय कर देगी कि अब क्या होगा. हालांकि अब यूपी में कांग्रेस की सीटें बढना तय माना जाय.