पोस्टर हटाए जाने पर सीएम के मिडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने कहा, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्सा नहीं जाएगा
उन लोंगों की संपति से नुकसान की भरपाई करने की सरकार ने घोषणा की और उन लोंगों के घर नोटिस भेजे गये और उनके पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर लगाये गये.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रसाशन ने दंगा के नेतृत्व कर रहे थे. जो लोग सडकों पर लगे सीसीटीवी कैमरों और मौके पर की गई फोटोग्राफी और वीडियो के अनुसार जो भी लोग दिखे उनको दोषी माना गया. दंगाइयों ने हंगामा करते हुए सरकारी और गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान कर दिया है. उन लोंगों की संपति से नुकसान की भरपाई करने की सरकार ने घोषणा की और उन लोंगों के घर नोटिस भेजे गये और उनके पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर लगाये गये.
इस बात पर सीएम योगी के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की जांच कर रहे हैं. इस बात की जांच की जा रही है कि पोस्टरों को हटाने के लिए किस आधार पर आदेश पारित किया गया था. हमारे विशेषज्ञ इसकी जांच कर रहे हैं.इस पूरे मामले में अब सीएम को फैसला लेना है. यह सच है कि न्यायालय सभी से ऊपर है, कई विकल्प और भी हैं. सरकार तय करेगी कि किस विकल्प के लिए जाना है. लेकिन यह एक सच्चाई है कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों में से किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.
बता देब कि इन पोस्टरों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए रविवार को सुनवाई की. क्योंकि ये पोस्टर शनिवार को लगाये गये थे. उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इसका फैसला आज सुनाये जाने की घोषणा की. आज फैसला सुना दिया गया. फैसले के बारे में यह घोषणा की गई कि सरकार पोस्टर हटा कर 16 मार्च तक जानकारी दे.