चेकिंग में शिक्षा मित्र हुआ पास जबकि शिक्षक पर दिखे नाराज अधिकारी और लिखी ये बात, फिर कैसे अयोग्य है शिक्षा मित्र, बताना तो होगा!

Update: 2023-03-19 12:32 GMT

उत्तर प्रदेश में अभी महानिदेशक विजय किरण आनंद के आदेशानुसार प्राथमिक विधालय की जांच करने रोजाना अधिकारी आ रहे है। इस जांच में बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी समेत जिले के जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी तक शामिल है। क्योंकि पीएम मोदी की निपुण भारत योजना को साकार करने का वीणा सीएम योगी आदित्यनाथ ने उठाया है। यूपी निपुण भारत योजना में नंबर वन जरूर बनेगी।

इसी क्रम में बदायूं जिले के कादरचौक विकास खंड के अंतर्गत प्राथमिक विधालय वाराचिर्री  में खंड शिक्षा अधिकारी बिसौली आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे। विधालय में उन्होंने निपुण योजना को लेकर कहा कि विधालय में कार्यरत शिक्षा मित्र के अलावा किसी भी शिक्षक ने निपुण में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। निपुण में शिक्षा मित्र का कार्य बेहद सराहनीय है। 

बता दें कि 10000 हजार में काम करने वाला शिक्षा मित्र कितनी शिद्दत से काम करता है क्योंकी उसे अपने 333 रुपये के बेहद चिंता नहीं है उसे चिंता है राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख की। उसे चिंता है कि प्रदेश में सीएम की साख निपुण की कामयाब करके ही बधाई जा सकती है जबकि शिक्षक को तो दो से तीन हजार वेतन मिलता है और उस पर कोई असर नहीं पड़ता है। 

यूपी में अगर शिक्षा मित्र को सम्मानजनक वेतन मिलने लगे तो यूपी की बेसिक शिक्षा सर्वश्रेष्ठ शिक्षा होगी। सीएम योगी इसकी सर्वे कराकर योग्यता और अयोग्यता भी तय कर सकते है हाँ ये सर्वे बिना जानकारी के करकर अंक दीये जाएँ जो स्कूल टॉप या सात नंबर से ज्यादा अंक पाएं उन्हे पास किया जाए और इसमें अगर शिक्षा मित्र आगे रहें तो उन्हे शिक्षक का वेतन दिया जाए और शिक्षक वाले स्कूल फेल हो तो उन्हे शिक्षा मित्र वाला वेतन दिया जाए सरकार का भी फायदा होगा और शिक्षा विभाग का भी फायदा होगा।  

देखिए वो आदेश 



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