अमिताभ ठाकुर द्वारा दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 की तमाम गड़बड़ियों के संबंध में एफआईआर दर्ज करने हेतु प्रस्तुत प्रार्थनापत्र सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने पोषणीयता के स्तर पर स्वीकार करते हुए इसे प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज करते हुए 16 जून 2022 को अगली सुनवाई का आदेश दिया है.
सीजेएम ने इसके साथ ही थाना हजरतगंज को अमिताभ द्वारा दिए गए प्रार्थनापत्र के वर्णित घटना के संबंध में आख्या, थाने व पुलिस कमिश्नर द्वारा धारा 154(1) व 154(3) सीआरपीसी के प्रार्थनापत्र पर की गयी कार्यवाही की आख्या भी मांगी है.
कुछ दिन पहले थाना हजरतगंज को दिए गए प्रार्थनापत्र में अमिताभ एवं उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर ने कहा था कि इस परीक्षा के अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए तथ्यों एवं सबूतों से प्रथमद्रष्टया इस भर्ती में भारी गड़बड़ी तथा घोटाले की आशंका जान पड़ती है. जिस प्रकार से परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने तमाम एफआईआर दर्ज किये तथा गोरखपुर में दर्ज दो एफआईआर में स्पष्ट रूप से परीक्षा लेने वाली कंपनी का नाम लिया गया एवं जिस प्रकार उक्त कंपनी के कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड होने के बाद भी उसे यह काम दिए जाने के आरोप हैं, उससे यह मामला काफी गंभीर जान पड़ता है. इतना ही नहीं, जिस प्रकार पीईटी परीक्षा में बहुत कम नंबर लाने वाले कई अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में आश्चर्यजनक रूप में भारी नंबर मिले, उससे परीक्षा की शुचिता पर गहरे प्रश्नचिन्ह लग गए हैं. इसके साथ ही इस मामले में अब लखनऊ सहित तमाम स्थानों पर हर रोज काफी संख्या में फर्जी अभ्यर्थी पकडे जा रहे हैं तथा उन पर एफआईआर दर्ज हो रहे हैं, वे इस मामले में उत्तर प्रदेश भर्ती बोर्ड एवं परीक्षा एजेंसी सवालिया निशान लगाते है.
थाना व पुलिस कमिश्नर द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होने पर सीजेएम को प्रार्थनापत्र दिया गया था.