CAA व NRC के विरोध में सपा ने निकाला साइकिल मार्च, अखिलेश ने दिखाई हरी झंडी और भाजपा पर लगाया बड़ा आरोप

अखिलेश ने भगवा रंग को लेकर कहा की "पता नहीं कहां पर खलबली मची है.

Update: 2019-12-31 06:30 GMT

लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ लखनऊ में साइकिल मार्च निकाला। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मार्च को हरी झंडी दिखाई। साइकिल मार्च से सपा नेता विधान भवन पहुंचे। बता दें कि अखिलेश यादव ने एनपीआर का विरोध करते हुए कहा था कि मैं कोई फॉर्म नहीं भरूंगा। मैं इंडियन हूं, मुझे इसका प्रमाण देने की जरूरत नहीं।

अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक बार फिर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया सपा विधायकों को विधानसभा के लिए साइकिल से रवाना करने के बाद अखिलेश ने कहा कि बीजेपी अपने बहुमत की ताकत से लोकतंत्र को कुचल रही है. आप नागरिकता धर्म के आधार पर देना चाहते हैं. CAA, NRC, और NPR के विरोध में ये साइकिल यात्रा है. सरकार नाकामी छिपाने के लिए नए नए शिगूफे लाती है. जब आधार में सारी जानकारी है तब NPR की ज़रूरत क्या है? ये नाश करने वाली सरकार है।

अखिलेश यादव ने कहा "आप नागरिकता धर्म के आधार पर देना चाहते हैं, आप चाहते हैं कि मुसलमानों का नागरिकता न मिले. बीजेपी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है. क्या असम और पूर्वोत्तर के लोग इस कानून से खुश हैं? आधार में सब मौजूद है. समाजवादी पार्टी सीएए, और एनआरसी और एनपीआर का विरोध करती है. भारत की अर्थव्यवस्था का नाश हो गया है. बैंकिग सिस्टम डूबा दिया. अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आप ऐसा कर रहे हैं."

अखिलेश ने भगवा रंग को लेकर कहा की "पता नहीं कहां पर खलबली मची है. किसी का अधिकार थोड़े ही है. केवल रंग बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है. भगवा में ऐसा क्या है? पीताम्बर रंग भी है, लेकिन देश का रंग तिरंगा ही रहेगा. जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए, ताकि अबादी के आधार पर सबको अधिकार मिले."

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि विधायक खुद जाना चाहते थे साइकिल से. आगे भी साइकिल चलेगी. साल का अंत हो गया है. नए साल में अपने पापों की माफी मांगें नहीं तो जनता सजा देगी. पूरे यूपी की जनता जानती है कि कानून व्यवस्था इनके हाथ में नहीं हैं. निवेश नहीं आ रहा है इसलिए एनपीआर आ रहा है. निवेश नहीं आया इसलिए एनआरसी आ रहा है. हमारे देश की पहचान खराब हो रही है. देश की बदनामी हो रही है. कोई ग्लोबल निवेश नहीं आएगा। 

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