लोकतंत्र का गला घोंटना ,और विपक्ष को डराना, धमकाना ये सब देश के लिए नुकसानदेह है- भूपेश बघेल

राहुल गांधी ने संसद में 3 सवाल किए लेकिन एक भी जवाब पीएम मोदी की तरफ से नही आया

Update: 2023-03-28 11:50 GMT

आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि जनवरी में एक घटना हिंडनबर्ग की हुई थी जिसमे एक पेपर रिलीज़ हुआ था जिसकी वजह से देश के सबसे अमीर और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी का शेयर तेज़ी से गिरा उन्होंने कहा कि अडानी के खाते में 20 हजार करोड़ रूपये कैसे आये इन सवालों के जवाब न तो भारतीय जनता पार्टी के नेता दे रहें हैं और न ही प्रधानमंत्री जी कुछ बोल रहें हैं बल्कि कहा यह जा रहा है कि अडानी पर हमला भारत पर हमला है। और इस मुद्दे का लगातर दूसरी दिशा में जाने की कोशिश भाजपा द्वारा की जा रही है?

उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि दुनिया में तानाशाहों की लम्बी सूची है चाहे हिटलर हो, मुसोलिनी हो, सद्दाम हुसैन हो, गद्दाफी से लेकर किंग जोंग तक इन लोगों के काम करने के ढंग से हम सभी परिचित है। तानाशाह दो प्रकार के होते हैं एक तो इस बात से डरता है कि लोग उससे डरना कहीं बंद न कर दे दूसर वह अपनी विरोधियों के मुंह बंद कराकर कुचल देना चाहते हैं और यही नहीं वह विरोधियों को रास्ते से हटाने के लिए किसी स्तर तक जा सकते है इस घटना से हम सब वाकिफ हैं।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा इसी प्रकार लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। अपने विरोधियों का दमन करने के लिए किसी स्तर पर जा रहें हैं यह हमने देखा। उन्होंने कहा कि बी एस मुंजे जो आरएसएस के मुसोलिनी से सीखने गये थे कि तानाशाही को किस प्रकार से लागू किया जा सकता है। और आज जो हम अमृत महोत्सव प्रजातंत्र का अमृतकाल मना रहे हैं और ऐसे में लोकतंत्र के गला घोटने की कार्यवाही और विपक्ष के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब न देते हुए उसे अयोग्य घोषित करना, उसे दबाना, डराना धमकाना यह सब हो रहा है यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हमारा देश प्रजातांत्रिक देश है और इसकी आजादी के लिए और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बड़ी कुर्बानिया दी हैं, लम्बी लड़ाई लड़ी हैं। अगर लोकतंत्र पर आंच आयेगी तो हम खामोश बैठने वाले नहीं हैं। पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है विपक्षी दलों के लोग भी इस घटना का विरोध कर रहें हैं। मेरा तो सीधा कहना है कि इधर- उधर की न बात कर यह बता कि काफिला लुटा कहां। उन्होंने कहा कि जब अडानी पर सवाल पूछा जाता है तो भाजपा को तकलीफ क्यों होती हैं।

उन्होंने कहा कि इससे पूर्व राहुल गांधी ने प्रेस के माध्यम से सवाले पूंछे थे और आज वही सवाल लेकर मैं लखनऊ आया हूं और उन्हीं सवालों का जवाब हमें लेना है कि वह 20 हजार करोड़ किसका है। यह शेल कंपनियां किसकी थी? और जब कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे थे और जब 60 प्रतिशत तक गिर गया तब हमारे एसबीआई और एलआईसी के पैसे किसके आदेश पर अडानी की कंपनियों पर लगाया जा रहा था। यह बड़े सवाल हैं जिनका जवाब हम आपके माध्यम से भाजपा सरकार से लेना चाहते हैं।

एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल जी को बचाने की जरूरत नहीं है, आज राहुल गांधी जी खुद देश के किसानों, मजदूरों, गरीबों, नौजवानों एवं महिलाओं की आवाज बन चुके हैं। उन्होंने लगभग 5 महीने की भारत जोड़ो यात्रा कर महंगाई, बेरोजगारी और समाज में जो खाईं है उसे पाटने के लिए ही यात्रा की है। सवाल राहुल जी का नहीं है बल्कि देश का है और सवाल इस बात का है प्रधानमंत्री जी का अडानी जी से क्या सम्बन्ध है? अडानी के शेल कंपनियों में पैसे किसने लगाया और क्यों लगाएं और जो जनता का पैसा एलआईसी और एसबीआई में लगा है उसमें जो नुकसान हो रहा है उसकी जांच क्यों नहीं कराई जा रही है? उन्होंने कहा कि हम डरने वाले नहीं है आज राहुल जी की आवाज पूरे देश की आवाज बन गई है।

उन्होंने आगे कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चौकसी जो पिछड़ी जाति से नहीं आते सरनेम लिखने से किसी की जाति का पता नहीं चलता इसलिए भाजपा मुद्दे को भटाकने का काम न करे। उन्होंने कहा कि पिछड़ो को लेकर भाजपा की सोच जगजाहिर है अगर भाजपा पिछड़ों की हितैषी है तो अब तक जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी? उन्होंने कहा कि अभी तक यूपी के नगरीय निकाय चुनाव क्यों नहीं कराये गये? यह केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए और अडानी के मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सारे कवायद की जा रही है।

प्रेसवार्ता में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी जी, राष्ट्रीय सचिव ( प्रभारी- उ0प्र0 ) एवं दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री राजेश तिवारी , प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री नकुल दुबे, अनिल यादव, संगठन सचिव अनिल यादव, कोषाध्यक्ष शिव पाण्डेय, मीडिया संयोजक अशोक सिंह, आदि प्रमुख रहे।

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