देश की एकमात्र नेता जो कभी न मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे गई, सीएम रहते किया सभी धर्मों का सम्मान
The only leader of the country who never went to temple, mosque or gurudwara, respected all religions while being CM.
उत्तर प्रदेश की एक मात्र पॉलिटिशियन बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती हैं जो सियासत में रहते हुए न मंदिर गईं , न किसी मस्जिद , न गुरुद्वारे, न किसी चर्च में। लेकिन फिर भी अपनी सरकारों में सम्मान सभी धर्म का किया-क्या किसी को इस सत्यता पर कोई संदेह नहीं है ?
उत्तर प्रदेश की सियासत में जहां बीजेपी का जन्म ही राम मंदिर के धार्मिक मुद्दे के साथ हुआ हो और सपा का उदगम उसके विरोध में हुआ हो तब इस सूबे में चार सीएम बनी मायावती ने एक मिशाल कायम की और किसी धार्मिक स्थल में जाने से परहेज किया। जब कांग्रेस के तत्कालीन पीएम राजीव गांधी राम मंदिर का ताला खुलवाते है और 1989 के चुनाव में 85 लोकसभा सीटों में से 83 सीटें जीतने वाली कांग्रेस का प्रदेश से एक तरह का सफाया सा हो गया।
उसके बाद यूपी में कांग्रेस अपना इतिहास आज तक नहीं दोहरा सकी। तभी सपा बसपा का जन्म हुआ और 2007 में बसपा ने यूपी में काफी समय बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और तब से लेकर आज तक यह प्रथा कामयाब चली आ रही है सत्ता किसी की रही लेकिन पूर्ण बहुमत की रही है।
इसके बाद भी इस धार्मिक दौर में भी बसपा इन सब बातों से दूर रहती है इसका श्रेय सिर्फ राजनीत में एक मात्र पॉलिटिशियन बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती हैं जो सियासत में रहते हुए न मंदिर गईं , न किसी मस्जिद , न गुरुद्वारे, न किसी चर्च में। लेकिन फिर भी अपनी सरकारों में सम्मान सभी धर्म का किया-क्या किसी को इस सत्यता पर कोई संदेह नहीं है ?