यूपी में तीन दशक बाद मुलायम सिंह यादव परिवार का वर्चस्व खत्म, बीजेपी ने 311 में जीतीं 281 सीटें
यूपी कोआपरेटिव चुनाव परिणाम
बीजेपी ने जीत का बताया ऐतिहासिक
चुनाव आयुक्त पी.के. मोहंती ने कहा कि शिकायतों के चलते 11 जगहों पर चुनाव रद्द किए गए थे। इस 'ऐतिहासिक जीत' को लेकर भाजपा नेताओं ने दावा किया है कि विपक्षी उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की ही हिम्मत नहीं की। वहीं विपक्ष ने कहा कि कि राज्य की मशीनरी ने चुनावों को हाइजैक कर लिया था।
मंगलवार को हुए थे यूपी सहकारी भूमि बैंक के चुनाव
बीजेपी को 311 सीटों में से मिली 281 पर जीत, 11 जगहों के चुनाव हुए रद्द
2005 से तीन बार बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं शिवपाल सिंह यादव
तीन दशक से मुलायम का परिवार ही था इस पर काबिज
कांग्रेस को सिर्फ अमेठी के जगदीशपुर में ही मिली जीत
सिर्फ अमेठी की जगदीशपुर सीट पर मिली कांग्रेस को जीत
कांग्रेस गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी के जगदीशपुर में ही जीत दर्ज करा सकी, जहां राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे। विपक्षी दलों द्वारा जीती गई अन्य प्रतिष्ठित सीटों में वाराणसी, बलिया, गाजीपुर और इटावा थीं।
शिवपाल 2005 से लगातार रहे बैंक के अध्यक्ष
2005 से तीन बार बैंक के अध्यक्ष रह चुके प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने नियमों में बदलाव किया जिसने उन्हें चुनाव लड़ने में अयोग्य घोषित कर दिया।
नियमों में बदलाव के चलते नहीं लड़ सके चुनाव
शिवपाल ने कहा कि अध्यक्ष पद के लिए दो बार से ज्यादा चुनाव लड़ना अब वर्जित कर दिया गया है। उन्होंने इस नियम को अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने इशारों में कहा कि अगर यह नियम न आता तो इस बार भी उन्हें ही जीत मिलती।
(इनपुटः IANS)