यूपी: बिजली कर्मचारियों के आंदोलन से बैकफुट पर आई सरकार, निजीकरण का फैसला तीन महीने के लिए टला

सरकार कहा कहना है कि ये फैसला कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुये लिया गया है.

Update: 2020-10-06 15:07 GMT

लखनऊ : बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार और आंदोलन के बाद सरकार ने फिलहाल निजीकरण का फैसला टाल दिया. बीते दिनों कर्मचारियों ने प्रदेश भर में काम रोक दिया था, जिसके बाद कई शहरों में बिजली आपार्ति बाधित हो गई थी. कर्मचारियों के इस कदम से सरकार बैकफुट पर थी. सरकार कहा कहना है कि ये फैसला कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुये लिया गया है.

आपको बता दें कि कर्मचारियों ने सरकार से कहा था कि अगर उनकी मांगे न मानी गईं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. कर्मचारियों का आंदोलन जैसे जैसे आगे बढ़ता जा रहा था, आम जनता की मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं. सरकार ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये ये फैसला लिया है. माना ये जा रहा है कि इन तीन महीनों में सरकार और कर्मचारियों के बीच कोई नया रास्ता खोज लिया जाएगा.

लखनऊ में आंदोलन

इससे पहले लखनऊ में आज भी बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार जारी रहा. बता दें कि, निजीकरण के खिलाफ कार्य बहिष्कार का आज बिजली कर्मियों का दूसरा दिन था. अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन की तैयारी बिजली कर्मियों ने कर ली थी. हालांकि सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की ओर से समझौते का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन यूपीपीसीएल के चेयरमैन ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर इनकार कर दिया था.

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