यूपी में महिला पुलिसकर्मियों का आरोप, 'हमारी हालत देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी बदतर'

महिला पुलिसकर्मियों ने डीजीपी को पत्र लिखकर सिपाही ने उठाए सवाल

Update: 2020-09-08 05:09 GMT

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिलाकर्मियों ने अधिकारियों पर शारीरिक और मानसिक शोषण के आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पुलिस कंट्रोल रूम 112 से वायरलेस में पोस्टिंग के नाम पर सौदेबाजी का दबाव बनाया जाता है।

समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सपा ने सरकार से मांग की है कि वह डीजीपी से मामले की जांच कराए और दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करे। समाजसेवी और अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने भी पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिलाकर्मियों के कथित शोषण की जांच की मांग की है। इस संबंध में नूतन ठाकुर ने भी डीजीपी को पत्र लिखा है। नूतन ने बताया कि उन्हें रेडियो मुख्यालय की युवा महिलाकर्मियों द्वारा डीजीपी तथा अन्य को भेजी गई शिकायत की प्रति प्राप्त हुई। शिकायत के अनुसार, कुछ वरिष्ठ महिलाकर्मी इस काम में शामिल हैं। यह सारा काम एक डीआईजी द्वारा किया जा रहा है।

महिला कर्मियों ने डीजीपी को जो पत्र लिखा है, उसमें कहा गया है, 'हम प्रार्थिनी गण पुलिस वायरलेस मुख्यालय में सहायक परिचालक पद पर भर्ती हुईं थीं। वर्तमान में प्रधान परिचालक पद पर कार्य कर रही हूं। पुलिस रेडियो विभाग में महिलाकर्मियों हेतु अलग से स्थानांतरण नीति नहीं बनी है। इसका फायदा उठाकर इस विभाग में महिला कर्मियों का खुलेआम शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है।'

देखिये पत्र 



 पत्र में आगे कहा गया है, 'जब से यूपी-100 (वर्तमान में यूपी-112) खुला है, तब से महिला कर्मियों का शोषण और बढ़ गया है। नई लड़कियों को छांटकर पहले उनकी नियुक्ति यूपी 112 में की जाती है। इसके बाद उनसे रेडियो मुख्यालय वापस आने के लिए सौदेबाजी होती है। सौदेबाजी में शारीरिक शोषण का दबाव बनाया जाता है।' पत्र में यह भी कहा गया है कि महिला कर्मियों से वायरलेस का मूल कार्य नहीं कराया जाता है। विशेष गोपनीय जांच में सब पता चल जाएगा।'

पत्र में कहा गया, 'हम नई महिला कर्मियों की दशा देह व्यापार करने वाली महिलाओं से भी ज्यादा बदतर है। तीन लड़कियां आत्महत्या कर चुकी हैं, अब कई और आत्महत्या करने वाली हैं। डीजीपी से निवेदन है कि इसे व्यक्तिगत रूप से देखें। हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि हम लोगों का शोषण रोकें तथा नीति बनाकर स्थानांतरण या पोस्टिंग की जाए।' 

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