यूपी को मिलेगा 31 मार्च से पहले नया DGP, जानिए कौन IPS है रेस में सबसे आगे!

Update: 2023-03-12 13:03 GMT

IPS Anand Kumar, IPS Vijay Kumar, IPS Shafi Ahsan Rizvi: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को जल्द ही नया डीजीपी (DGP) मिलने जा रहा है. फिलहाल कार्यवाहक DGP के तौर पर डीएस चौहान अपनी सेवा दे रहे हैं. इनका कार्यकाल 31 मार्च 2023 को समाप्त हो रहा है. नए डीजीपी के तौर पर कई दावेदारों के नाम निकल कर सामने आ रहे हैं.

इसमें डीजी जेल आनंद कुमार का नाम भी शामिल हैं. आनंद कुमार 1988 बैच में आईपीएस बने थे. खास बात यह है कि अगर आनंद कुमार डीजीपी बनते हैं तो अन्य उम्मीदवारों के मुकाबले इनका कार्यकाल सबसे लंबा होगा.बता दें कि वर्ष 1988 बैच के आईपीएस आनंद अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे. आईपीएस आनंद ने यूपी की जेलों को सुधारने में बड़े पैमाने पर काम किया है. वर्तमान सरकार में लंबे समय तक एडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर रहते हुए कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने में इनकी अहम भूमिका रही है.

नए नामों के चयन के लिए UPSC को प्रस्‍ताव भेजेगी सरकार

बता दें कि पिछले 9 महीने से प्रदेश की कानून व्‍यवस्‍था कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के भरोसे है. 31 मार्च का उनका कार्यकाल खत्‍म होने वाला है. ऐसे में प्रदेश की 24 करोड़ जनता को स्‍थाई पुलिस मुखिया का इंतजार है. वहीं, जैसे-जैसे मार्च महीने का एक-एक दिन बीत रहा है यूपी सरकार भी डीजीपी की नियुक्ति की कवायद तेज कर दी है. सरकार नए नामों के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को प्रस्‍ताव भेजने की तैयारी कर रही है.

दावेदारों में ये नाम सबसे आगे

यूपी के नए डीजीपी के लिए 1988 बैच के आईपीएस आनंद कुमार (डीजी जेल), 1988 बैच के आईपीएस विजय कुमार (डीजी सीबीसीआईडी) और 1989 बैच के आईपीएस शफी अहसान रिजवी (आईबी में तैनात) के नामों की चर्चा की जा रही है. आईपीएस आनंद कुमार का नाम सबसे आगे इसलिए माना जा रहा है कि वह लंबे अर्से से महानिदेशक (कारागार) के पद पर तैनात है.

अपराधियों की कमर तोड़ने में बनाए रिकॉर्ड

आनंद कुमार ने अपने पद पर रहते हुए कई उप‍लब्धियां हासिल कीं. उन्‍हें बेहद तेज तर्रार पुलिस अफसर माना जा रहा है. विभिन्‍न जिलों में कप्‍तान रहते हुए उन्‍होंने कई अपराधियों का खात्‍मा करने का काम भी बखूबी कर रखा है. 17 जून 2019 को जब आईपीएस आनंद कुमार को यूपी की जेलों का जिम्मा सौंपा गया था तभी तय हो गया था कि अब यूपी की बदनाम जेलों में बदलाव की बयार बहने वाली है. वहीं, मुजफ्फरनगर में एसएसपी रहते आनंद कुमार ने अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए कई एनकाउंटर किए.

आनंद कुमार पढ़ाई हो या खेल का मैदान हमेशा आगे रहे

आनंद कुमार का जन्म 4 अप्रैल 1964 को बिहार के राजधानी पटना में हुआ. उनके पिता एसके श्रीवास्तव सरकारी नौकरी में थे. देश के प्रसिद्ध मॉडर्न स्कूल दिल्ली से स्कूलिंग के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज में दाखिला लिया. यहां उन्होंने हिस्ट्री ऑनर्स में ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री हासिल की. आनंद कुमार एमए में दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉपर रहे हैं. पढ़ाई हो या क्रिकेट का मैदान आनंद कुमार हमेशा आगे रहे. वर्ष 1988 में उनका आईपीएस में चयन हुआ और उत्तर प्रदेश कैडर मिला. 

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