26 जनवरी को गांव में घूम रहे खुले पशुओं को ग्रामीण योगी आदित्यनाथ के घर बांधेंगे

Update: 2021-01-26 02:45 GMT

 सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित डॉ संदीप पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश सरकार को बड़े ही पशोपेश में डाल दिया है। उन्होंने कहा है कि उत्रर प्रदेश में आवारा पशु अब किसान के लिए एक बड़ी समस्या बन चुके है। इससे निजात पाने के लिए आज हम आवारा जानवरों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास की तरफ जायेंगे। उनसे गुहार लगायेंगे कि इन आवारा पशुओं से हमें निजात दिलाई जाय।

डॉ संदीप पाण्डेय ने कहा कि योगी आदित्यनाथ गांयों को गुड़ खिलाते हुए अपना विज्ञापन छपवाते हैं। उन्हें गाय से बहुत प्रेम है। दूसरी तरफ जब से उनकी सरकार आई है गांवों में लोग खुले घूम रहे पशुओं से परेशान हैं। ये पशु फसलों को चर जाते हैं। सरकार की तरफ से जो गौशालाएं खुलवाई गई हैं उनमें पशुओं को ठीक से रखने की व्यवस्था नहीं है। वहां से भी पशु छूट कर खुले घूमने लगते हैं। सरकार के पास गायों को गांवों से गौशाला तक ले जाने का भी कोई इंतजाम नहीं। लेकिन अगर कोई गायों को गौशाला ले जाना चाहे तो हिन्दुत्ववादी गौ रक्षक तांडव करते हैं। भारतीय जनता पार्टी के राज में गौ रक्षक का मतलब है जो गाय पालते नहीं बल्कि गाय के नाम पर लोगों के साथ मार-पीट करते हैं।

डॉ संदीप पाण्डेय ने बताया कि 27 दिसम्बर, 2020, को हरदोई जिले के लालामऊ मवई गांव के दलित निवासी जब पशु चिकित्सा अधिकारी के कहने पर, पुलिस को सूचित कर, पंद्रह किलोमीटर दूर पैदल चलकर पशुओं को पवांया भगवंतापुर गांव ले गए और वहां स्थानीय ग्रामीणों के गौशाला में इन पशुओं को रखने से इंकार करने पर पशुओं के साथ वापस लौट रहे थे तो लोहंगापुर में अपने आप को भाजपा के पदाधिकारी बताने वाले ज्ञानेन्द्र सिंह ने दलितों के साथ मार पीट की। पुलिस मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं।

उन्होंने कहा कि अतः सोशलिस्ट किसान सभा के तत्वावधान में जिस दिन राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे किसान आंदोलन के आह्वान पर तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसान दिल्ली में अपने ट्रैक्टरों के साथ प्रवेश करेंगे, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण जो खुले घूम रहे पशुओं से परेशान हैं इन पशुओं को लेकर 25 जनवरी, 2021 को उन्नाव जिले के फतेहपुर चैरासी विकास खण्ड से निकलेंगे और 26 जनवरी 2021 को मुख्य मंत्री आदित्यनाथ के निवास पहुंचेंगे ताकि वे इनके खिलाने-पिलाने की व्यवस्था करें। 


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