'काकोरी कांड' का नाम बदलकर 'काकोरी ट्रेन एक्शन' पर क्यों मचा वबाल, जानिये पूरा मामला
रुद्रप्रताप दुवे
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज 'काकोरी कांड' का नाम बदलकर 'काकोरी ट्रेन एक्शन' कर दिया है। सरकार का मानना था कि 'कांड' शब्द अपमानजनक था इसलिए उस हिस्से को बदल दिया गया। नाम में परिवर्तन के बाद दो पक्ष निकल कर आ रहे हैं - पहले पक्ष में बड़ी संख्या में लोग कह रहे हैं कि ये परिवर्तन उचित है, कांड शब्द पराक्रम की इस घटना के लिए अपमानजनक था तो दूसरा पक्ष कह रहा है कि 'कांड' तो बहुत अच्छा शब्द है तभी बाबा तुलसीदास ने रामचरित मानस में 7 'कांड' को शामिल किया था।
मेरा पक्ष :-
असल में 'कांड' शब्द के कई प्रयोग प्रचलन में आते हैं। उदाहरण के तौर पर ये किसी कार्य या विषय के विभाग के तौर पर भी प्रयोग में आता है जैसे - कर्मकांड, ज्ञानकांड, उपासनाकांड इसके अलावा किसी ग्रंथ का ऐसा अध्याय जिसमें एक पूरा प्रसंग आ जाये, उसे भी कांड कहते हैं।
कांड शब्द बड़ी दुर्घटनाओं या अप्रिय घटनाओं साथ भी प्रयोग में आता है जैसे अग्निकांड, लूटकांड, गोलीकांड, घूसकांड। मेरा मानना है कि काकोरी के साथ भी 'कांड' शब्द बड़ी दुर्घटना को ही रेखांकित करने के लिए आया होगा क्योंकि उसी समय इसी तरह की दो और घटनाएं हुईं जो इतिहास में कांड शब्द के साथ दर्ज हुईं - 'जलियांवाला बाग कांड' और 'चौरीचौरा कांड'। हाल में ही हुए 'निर्भया कांड' में भी कांड शब्द किसी को अपमानित करने की जगह उस अप्रिय घटना की गंभीरता को स्थापित करने के लिए ही आया था।
बावजूद इसके मेरा मानना है कि काकोरी कांड का नाम परिवर्तन करके उचित कदम उठाया गया है। गर्व से जुड़े विषयों पर थोड़ा भी संशय नहीं रखना चाहिए लेकिन नाम बदलकर 'काकोरी ट्रेन एक्शन' करना जँचा नहीं। इसे 'काकोरी पराक्रम दिवस' या 'काकोरी के क्रांतिकारी' नाम देना ज्यादा उचित होगा।