विधान सभा चुनाव से पहले प्रदेश सरकार में बड़े बदलाव की संभावना और पीएम-सीएम के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चा के बीच आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। शीर्ष नेतृत्व ने सीएम को दिल्ली बुलाया था और इस कवायद को चुनाव से पहले प्रदेश में किसी प्रकार के विवाद को हवा देने के बजाय बीच का रास्ता निकालने की कोशिश माना जा रहा है।
सियासी गलियारे में चर्चा तेज है कि पीएम मोदी के करीबी अरविंद शर्मा को अहम पद देने और सरकार में अन्य बदलावों को लेकर कोई समझौता हो सकता है ताकि दिल्ली दरबार और प्रदेश सरकार के बीच सबकुछ ठीक होने का संदेश दिया जा सके। पिछले कई दिनों से प्रदेश सरकार और संगठन में बदलाव को लेकर दिल्ली दरबार और सीएम योगी के बीच तनातनी चल रही है। सोशल मीडिया, नौकरशाही और सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है।
यह जंग पीएम मोदी के सबसे करीबी अफसर अरविंद शर्मा की ताजपोशी को लेकर शुरू हुई थी। केंद्र चाहता है कि अरविंद शर्मा डिप्टी सीएम बने और नियुक्ति और गृह की कमान उनके हाथ में रहे मगर मुख्यमंत्री ने इससे साफ इंकार कर दिया है। दिल्ली दरबार और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ती तल्खी को दूर करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने न केवल राजधानी लखनऊ में तीन दिन तक डेरा जमाए रखा बल्कि मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग बैठक की और अपनी रिपोर्ट राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। माना जा रहा है कि राष्टï्रीय संगठन मंत्री ने सीएम योगी को बीच का रास्ता अपनाने का सुझाव भी दिया है।
संघ भी इस मामले में सक्रिय हो गया था। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी नहीं चाहते कि चुनाव से पहले किसी प्रकार का विवाद सामने आए जिससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़े। इस सबके बीच आज मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आज गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक है। इसके बाद वे कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके पहले भी यूपी को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर संगठन के पदाधिकारी की कई बैठकें हो चुकी हैं।
माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद यूपी में चल रहे विवाद पर विराम लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव के कारण पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश में बड़ा बदलाव करने का रिस्क नहीं लेगा और बीच का रास्ता निकाला जाएगा ताकि पीएम और सीएम के बीच अहम के टकराव पर विराम लग सके। ऐसे में समझौते की संभावना है।