योगी सरकार ने बनाया आईपीएस सस्पेंड करने का रिकार्ड, अब तक 15 आईपीएस सस्पेंड, देखिये सूची और जानिये क्यों गिरी गाज?
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब तक सरकारों में सबसे ज्यादा आईपीएस सस्पेंड किये है.
उत्तर प्रदेश सरकार अब तक कार्यकाल में आईपीएस सस्पेंशन का भी रिकार्ड कायम करने जा रही है. प्रदेश में उपजे हालातों पर अब १५ आईपीएस अधिकारी सस्पेंड किये जा चुके है. इन अधिकारीयों में एडीजी रेंक से लेकर एसपी रेंक तक के अधिकारी है. अभी देर रात हाथरस में लड़की के साथ गैंगरेप मामले में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर (SP Police Vikrant Veer) को योगी सरकार ने निलंबित कर दिया है.
2014 बैच के आईपीएस विक्रांत वीर इसी साल जून में हाथरस में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हुए थे. नॉटिकल साइंस में बीएससी विक्रांत वीर मामले की गंभीरता नहीं समझ पाए और कैरियर के शुरुआती दिनों में ही निलंबन झेलने को मजबूर हुए. लापरवाही और शीतल पर्यवेक्षण के कारण सरकार ने उन्हें निलंबित (Suspended) किया है. मूल रूप से नालंदा बिहार के रहने वाले विक्रांत वीर योगी सरकार में सस्पेंड होने वाले 15 वें आईपीएस हैं.
इनसे पहले कानून व्यवस्था न संभाल पाने और तमाम भ्रष्टाचार के आरोपों में 14 आईपीएस अफसर पहले ही सस्पेंड हो चुके हैं. इनमें से सात तो ऐसे हैं जिन्हें अभी तक तैनाती भी नहीं मिली है. निलंबित आईपीएस (IPS) अफसरों मनाया नाम अब विक्रांत वीर का जुड़ा है.
आइए जानते हैं योगी सरकार में कौन-कौन से आईपीएस निलंबित हो चुके हैं.
1. विक्रांत वीर - हाथरस के एसपी, निर्भया कांड में लापरवाही और शिथिल पर्यवेक्षण का आरोप
2. जसवीर सिंह - 1992 बैच के इस सीनियर IPS को सरकार ने पिछले साल निलम्बित कर दिया था. सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के कारण इनपर कार्रवाई की गयी थी. निलम्बन के समय जसवीर सिंह ADG के पद पर तैनात थे. निलम्बन अभी तक वापस नहीं हो सका है.
3. दिनेश चन्द्र दुबे - 2003 बैच के IPS दुबे DIG रैंक के हैं. पशुपालन घोटाले में नाम आने पर निलम्बन. अभी तक तैनाती नहीं मिली है.
4. अरविंद सेन - 2003 बैच के इस IPS को भी पशुपालन घोटाले में नाम आने पर सरकार ने निलम्बित कर दिया था. DIG रैंक के ये अफसर तैनाती के लिए अभी भी तरस रहे हैं.
5. वैभव कृष्णा - नोएडा के एसएसपी रहते इन्हें सस्पेंड किया गया था. इन्हें सरकार की गोपनीयता भंग करने के आरोप में सस्पेंड किया गया. 2010 बैच के वैभव को अभी तक तैनाती नहीं मिली है.
6. अपर्णा गुप्ता - 2015 बैच की इस IPS को सरकार ने तब निलम्बित कर दिया था जब कानपुर के संजीत यादव अपहरण कांड में इनका नाम सामने आया था. सस्पेंशन अभी भी जारी
7. अभिषेक दीक्षित - 2006 के इस IPS को SSP प्रयागराज रहते निलम्बित किया गया था. कानून व्यवस्था न संभाल पाने के कारण इनपर गाज गिरी थी. अभी तक तैनाती का इंतजार. तमिलनाडू कैडर के अभिषेक प्रतिनियुक्ति पर यूपी आये हैं.
8. मानिकलाल पाटीदार - 2014 बैच के इस IPS अफसर को सरकार ने एसपी महोबा रहते हाल ही में निलम्बित किया. मामला भ्रष्टाचार का है. जल्द तैनाती मिलनी मुश्किल.
9. सुभाष चन्द्र दुबे - 2017 में सहारनपुर में हुए बवाल के बाद 2005 बैच के इस IPS को सस्पेंड कर दिया गया था. फिलहाल आजमगढ़ के डीआईजी हैं.
10. डॉ. सतीश कुमार - बाराबंकी में एसपी रहते हुए इन्हें निलम्बित किया गया था. 2013 बैच के इस IPS अफसर पर रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे. फिलहाल SP, SDRF हैं.
11. एन कोलांची - बुलंदशहर में एसएसपी रहते इन्हें 2019 में निलम्बित किया गया था. कोलांची पर थानाध्यक्षों के तबादले में अनियमितता के आरोप लगे थे. 2008 बैच के ये IPS फिलहाल पीएसी में एसपी हैं.
12. अतुल शर्मा - प्रयागराज के एसएसपी रहते इन्हें निलम्बित किया गया था. कानून व्यवस्था के मोर्चे पर नाकामी और भ्रष्टाचार के आरोप थे. 2009 बैच के IPS अतुल फिलहाल PAC में SP हैं.
13. आरएम भारद्वाज - 2018 में संभल में SP रहते इस IPS को तब निलम्बित किया गया जब एक महिला को गैंगरैप के बाद जलाकर मार डाला गया था. 2005 बैच के इस IPS की पुलिस मुख्यालय में डीआईजी के पद पर तैनाती है.
14. संतोष कुमार सिंह - 2009 बैच के इस IPS को प्रतापगढ़ में SP रहते सस्पेंड किया गया था. कानून व्यवस्था के मोर्चे पर नाकामी के आरोप थे. फिलहाल SSP बुलंदशहर हैं.
15. हिमांशु कुमार - ये पहले IPS हैं जिन्हें योगी सरकार ने निलम्बित किया था. एक ट्वीट के कारण इन्हें मार्च 2017 में सस्पेंड किया गया था. 2010 बैच के IPS हिमांशु इन दिनों PAC में SP हैं.
इनमं से कई अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. यहां तक कि योगी सरकार ने इनमें से कइयों की संपत्ति की जांच के भी आदेश दिये हैं.