योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब 5000 रुपये की स्टांप ड्यूटी से अपनों के नाम करें संपत्ति की लिखा-पढ़ी
Yogi government's big decision: Now with stamp duty of Rs 5000, get the property registered in the name of your loved ones
परिवार की संपत्ति का पारिवारिक सदस्यों के बीच बंटवारे के लिए संबंधित सदस्यों के पक्ष में दान विलेख (गिफ्ट डीड), बंटवारा पत्र व पारिवारिक व्यवस्थापन/समझौता ज्ञापन निष्पादन में अब सिर्फ पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी देनी होगी। पिछले वर्ष पहली बार छह माह के लिए इस तरह की दी गई छूट दिसंबर में समाप्त हो गई थी। लगभग सात माह बाद फिर छूट देने से अब ऐसे मामलों में संपत्ति के विक्रय विलेख (सेल डीड) की रजिस्ट्री की तरह संपत्ति के मूल्य का सात प्रतिशत तक स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी।
योगी कैबिनेट में प्रस्ताव को दी गई मंजूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के रक्त संबंधी मामलों में स्टांप ड्यूटी से भारी-भरकम छूट देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। छूट की सुविधा महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में पहले से है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष दिसंबर से छूट नहीं दी जा रही थी जबकि भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश सरकार को ऐसी छूट देने का अधिकार है। उसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने पिछले वर्ष पहली बार सिर्फ छह माह के लिए छूट देने का निर्णय किया था।
अगले आदेश तक छूट देने का निर्णय
दिसंबर में छह माह पूरे होने के बाद से छूट नहीं मिल रही थी। छूट देने की लगातार की जा रही मांग को देखते हुए सरकार ने अब कुछ संशोधनों के साथ अगले आदेश तक छूट देने का निर्णय किया है। अब दान विलेख के दायरे में आने वाले पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री के बेटा-बेटी के साथ ही सगे भाई की मृत्यु होने की दशा में उसकी पत्नी भी आएंगे।
अचल संपत्तियों के ट्रांसफर से संबंधित विलेखों पर छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा। छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्री पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन कर छूट को अब अगले आदेश तक बनाए रखा जाएगा। पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी के साथ एक प्रतिशत निबंधन शुल्क भी पहले की तरह देना होगा। स्टांप व पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि पिछले वर्ष मात्र छह माह के दरमियान ही 2.58 लाख परिवारों ने छूट का फायदा उठाया था। राज्य सरकार को इससे लगभग 1100 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। जायसवाल ने बताया कि स्टांप शुल्क घटाने संबंधी अधिसूचना एक-दो दिन में जारी कर दी जाएगी।
पारिवारिक संपत्ति के मामलों में घटेगी मुकदमेंबाजी
परिवार की संपत्ति का पारिवारिक सदस्यों के बीच बंटवारे पर राज्य सरकार द्वारा भारी-भरकम स्टांप ड्यूटी से छूट देने से पारिवारिक संपत्ति के मामलों में मुकदमेंबाजी घटने का अनुमान है। दरअसल, दान विलेख (गिफ्ट डीड), बंटवारा पत्र व पारिवारिक व्यवस्थापन/समझौता ज्ञापन निष्पादन आदि पर अभी संपत्ति की रजिस्ट्री की तरह संपत्ति के मूल्य का सात प्रतिशत तक स्टांप लगने से परिवार के सदस्य शुल्क देने से बचने के लिए बहुत जरूरी होने पर ही रजिस्ट्री कराते हैं। परिवार के स्वामी, पारिवारिक सदस्यों के पक्ष में वसीयत कर देते हैं।
चूंकि स्वामी की मृत्यु के बाद ही वसीयत प्रभावी होती है इसलिए कई बार वसीयत निष्पादित होने के मामलों में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में मुकदमेंबाजी कम करने के लिए राज्य विधि आयोग ने सरकार से दूसरे राज्यों की तरह यहां भी छूट देने की सिफारिश की थी।
योगी सरकार का बड़ा फैसलाअभी किसी व्यक्ति का अपनी पैतृक संपत्ति में हिस्सा होने के बावजूद ट्रांसफर डीड रजिस्टर्ड न होने के कारण उसे संपत्ति के एवज में लोन नहीं मिल पाता है। अब पारिवारिक मामलों में विलेख पर कम स्टांप शुल्क लगने से ज्यादा से ज्यादा लोग विलेखों को रजिस्टर कराएंगे। ऐसी स्थिति में बंटवारे के तौर पर प्राप्त संपत्ति के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकेगा। मंत्री का मानना है कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।