उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान संपन्न हो चुका है| सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने से प्रदेश की वीवीआईपी सीट बनी करहल में वोटरों ने खूब उत्साह दिखाया। यहां पूरे जिले में सर्वाधिक 65. 3 फीसदी मतदान हुआ।
लेकिन इस बार का मतदान सन् 1974 का रिकार्ड नहीं तोड़ पाया। तब करहल सीट पर 71. 49 फीसदी मतदान हुआ था।2022 के चुनाव में मैनपुरी जिले में 64 फीसदी वोटिंग हुई। लेकिन चर्चा में करहल का मतदान है। करहल सीट पर परिसीमन और आरक्षण बदलता रहा है। आजादी के बाद सन् 1951 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में करहल क्षेत्र दो विधानसभा क्षेत्र में शामिल था। करहल-भोगांव सीट पर 38. 39 प्रतिशत और करहल शिकोहाबाद सीट पर 48. 47 फीसदी मतदान हुआ। सन् 1957 में करहल स्वतंत्र सीट बनी लेकिन आरक्षित हो गयी। तब यहां मतदान साठ प्रतिशत को छू नहीं पाया। लेकिन सन् 1974 में इस सीट के सामान्य होते ही मतदाताओं ने बंपर वोटिंग शुरू कर दी।