वृन्दावन में बालकनी गिरने से 5 श्रद्धालुओं की मौत, सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुखद घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुखद घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
वृन्दावन में बांके बिहारी मंदिर के पास एक पुरानी इमारत का कुछ हिस्सा श्रद्धालुओं पर गिरने से मंगलवार को पांच लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुखद घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि सीएम ने अधिकारियों को घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सूत्रों के मुताबिक, यह घटना शाम को हुई जब पुरानी इमारत की एक बालकनी उसके नीचे चल रहे श्रद्धालुओं पर गिर गई। मंगलवार देर रात बचाव कार्य चल रहा था।
वृन्दावन के SHO विजय कुमार सिंह ने बताया कि जिस समय बालकनी गिरी, उस समय कुछ बंदर आपस में लड़ रहे थे.सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां पांच को मृत घोषित कर दिया गया।
अधिकारियों ने मृतकों की पहचान वृन्दावन की गीता कश्यप (50), अंजू मुरगन (51), कानपुर के अरविंद कुमार यादव (35) और राशि गुप्ता और देवरिया के चंदन राय (28) के रूप में की है।
20 अगस्त 20222 में हुई इस घटना के बाद प्रदेश भर में हो-हल्ला मचा था। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। इस हादसे के बाद ही श्री बांके बिहारी के भक्तों के लिए कॉरिडोर की मांग उठी। प्रशासन ने भी कोर्ट के आदेश के बाद कॉरिडोर का विकल्प सुझाया था। यहां तक कि हादसे के कुछ दिन बाद इसके लिए बिहारी जी मंदिर क्षेत्र का सर्वे भी किया गया।
इसमें पीडब्ल्यूडी, राजस्व, नगर निगम की टीम ने कॉरिडोर सर्वे के लिए जमीन चिन्हित की। इसका अधिग्रहण करने के लिए प्रस्तावित मकानों पर लाल निशान भी लगाए गए। इसमें बिहारी जी की संकरी गलियों को भी चौड़ा करना था। लेकिन, यह मामला भी समय के साथ फाइलों में दबकर रह गया। आज एक बार फिर बिहारी जी के भक्तों के साथ बड़ा हादसा हो गया। इसमे पांच लोगों की जान संकरी गली में जर्जर बिल्डिंग गिरने से चली गई।
मथुरा-वृंदावन नगर निगम क्षेत्र में करीब 200 से अधिक ऐसी बिल्डिंग हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं। इनमें से अधिकांश बिल्डिंग 150 से 200 साल पुरानी हैं। यह बिल्डिंग भूकंप की दृष्टि से तो किसी दशा में सुरक्षित नहीं हैं। इनमें प्राचीन मंदिर भी शामिल हैं।
इन बिल्डिंग से होने वाले हादसों को लेकर अधिकारी लापरवाह रहते हैं। किसी हादसे के बाद ही उन्हें इनकी याद आती है। इसके बाद कार्रवाई महज नगर निगम से नोटिस तक सीमित होकर रह जाती है। मथुरा-वृंदावन की इन जर्जर बिल्डिंग के हिस्से आए दिन गिर जाते हैं।