यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद की कोर्ट से बढी मुश्किलें,हत्या के मामले में आरोप तय जानें..
उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य पालन मंत्री् व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। गोरखपुर के कसरवल में हुए कांड में एक व्यक्ति की मौत के मामले में डॉ. संजय निषाद पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।जिसमें बुधवार गोरखपुर की विशेष अदालत ने आरोप तय कर दिया है।
2015 में निषादों के आरक्षण देने की मांग के आंदोलन के दौरान निषाद पार्टी के कार्यकर्ता उग्र हो गए थे।
संजय निषाद पर भीड़ को भड़काने का आरोप है। कोर्ट द्वारा लगाए आरोपों का संजय निषाद ने खण्डन किया गया।
जून 2015 में सुबह से ही गोरखपुर -सहजनवां रेलवे लाइन पर भारी संख्या में लोग जुटना शुरु हो गए थे।
सुबह से ही गोरखपुर-सहजनवां रेलवे लाइन पर कई लोग पहुंचने लगे। सरकारी नौकरियों में निषादों को 5% आरक्षण देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के बैनर तले ट्रेन चक्का जाम कर दिया।
डा. संजय निषाद की अगुवाई में कई जिलों से निषाद समुदाय के लोग इकठ्ठा हो गए। गोरखपुर और संतकबीरनगर की पुलिस और आरपीएफ ने आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर रेल ट्रैक खाली कराने का प्रयास किया तो बवाल हो गया। पुलिस ने डॉ. संजय निषाद सहित कई अन्य लोगों को अभियुक्त बनाकर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया।
डॉक्टर संजय निषाद को बुधावार को एसीजेएम प्रभाष त्रिपाठी के न्यायालय में आरोप विचरित किए गए।कोर्ट ने इन पर आरोप तय कर दिया ।
उग्र था निषादों को आचरण
जब पुलिस ने निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिफ्तार कर लिया तो फिर पुलिस पर पथराव शुरु हो गया ।इसी बीच गोली लगने से एक की मौत हो गयी थी।मामले में संजय निषाद सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ।