मिर्जापुर।सोनभद्र में नरसंहार के विरोध में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांघी ने योगी सरकार की चूलें हिला दी है सरकार से उगलते बन रहा है न निगलते बन रहा है सरकार के पास प्रियंका इस बात का कोई ठोस जवाब नही है कि आखिर पीड़ितों से मिलने में क्या बुराई है सरकार जिस तरह चाहे मिल वा दे लेकिन सरकार और प्रशासन लाचार दिख रहा है वहाँ कांग्रेसियों का हुजुम बढ़ता ही जा रहा है और भी इस बात पर अड गई है है पीड़ितों से बिना मिले नही जाऊँगी।
प्रियंका गांधी का कहना है कि मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है।उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें 'ऊपर से ऑर्डर है।
प्रियंका ने कहा कि मैंने न कोई क़ानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है। बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गाँव जाने को तैयार हूँ या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूँ मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है। जनता सब देख रही है।
उन्होंने कहा कि मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूँ और इसे देने को तैयार नहीं हूँ। मेरी साफ माँग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय।सरकार को जो उचित लगे वह करे।अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।