अपहरण और रंगदारी मामले में MLA अमनमणि त्रिपाठी बरी, लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि पांडे ने 6 अगस्त 2014 को मामला दर्ज करवाया था.

Update: 2021-09-30 17:43 GMT

उत्तर प्रदेश के चर्चित रंगदारी और अपहरण के मामले में आरोपी रहे निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को एमपी एमलए कोर्ट ने बरी कर दिया है. उनके साथ ही संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला को भी बरी कर दिया गया है. गौरतलब है कि अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ गोरखपुर के ठेकेदार ऋषि पांडे ने 6 अगस्त 2014 को मामला दर्ज करवाया था. ये एफआईआर लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में दर्ज करवाई गई थी. उसने आरोप लगाया था कि अमनमणि त्रिपाठी, संदीप और रवि ने उसे अगवा कर रंगदारी मांगी थी.

गौरतलब है कि मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने अमनमणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी और रवि शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 , 386, 504, 506 में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी. 28 जुलाई 2017 को कोर्ट ने अमनमणि समेत तीनों आरोपियों पर आरोप भी तय कर दिए थे.

पिता और मां पहले से ही जेल में

गौरतलब है कि अमनमणि त्रिपाठी पर अपनी पत्नी की हत्या करने का आरोप भी लग चुका है. कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि जेल में हैं. 9 मई 2003 को मधुमिता शुक्ला की उनके लखनऊ आवास में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि मधुमिता शुक्ला गर्भवती थी. डीएनए जांच से पता चला था कि गर्भ में पल रहे बच्चे के पिता अमरमणि त्रिपाठी थे. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु मणि, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय और प्रकाश पांडे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी, मधु मणि त्रिपाठी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई जिसके बाद से दोनों जेल में हैं.

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