यूपी में अस्पताल की लापरवाही से बदले शव, चिता पर पहुंचे नसीर, कब्र में दफन हुए रामप्रताप
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में एक निजी अस्पताल के दो शवों की अदला-बदली से हड़कम्प मच गया। दोनों शव अलग-अलग सम्प्रदाय के थे। निजी अस्पताल में हिंदू व मुस्लिम समुदाय के दो लोगों के शव मानवीय चूक के कारण बदल गए। जिसके चलते पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मामले को सुलझाने में लगे रहे। अस्पताल की घोर लापरवाही के कारण दोनों पक्षों के लोगों में गुस्सा है और वे अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मुरादाबाद -हरिद्वार स्टेट हाइवे स्थित कॉसमॉस हॉस्पिटल में मंगलवार की देर रात उस समय हंगामा हो गया। जब दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के चलते शव बदल गए ।दोनों शव अलग-सम्प्रदाय के होने के चलते मामला बिगड़ता चला गया।
शव से पॉलीथिन हटाते ही उड़ गए होश
अस्पताल से शव लेकर रामगंगा विहार स्थित श्मशान घाट पहुंचे रामप्रसाद के पुत्र को आभास हुआ कि शव उसके पिता का नहीं है। पुष्टि के लिए उसने शव के उपर से पॉलिथिन हटाई तो शव देख युवक के होश उड़ गए। शव किसी और का मिला। तब रामप्रसाद के परिजनों ने सिविल लाइंस थाना प्रभारी सहसवीर सिंह से संपर्क किया। परिजनों ने शव की हेराफेरी का आरोप अस्पताल प्रशासन पर मढ़ा। कुछ ही देर में पुलिस निजी अस्पताल पहुंच गई।
..और फिर शुरु हुई नासिर के परिजनों की तलाश
अस्पताल में दर्ज मोबाइल नंबर के आधार पर नासिर के परिजनों की तलाश शुरू हुई। तब पता चला कि नासिर का शव चक्कर की मिलक में दफन कर दिया गया है। उसके दोनों भाइयों से पुलिस ने बात की। घटना की जानकारी सदर एसडीएम प्रशांत तिवारी व एएसपी अनिल यादव को दी गई।
कब्र में दफन थे रामप्रसाद
प्रशासनिक अफसर चक्कर की मिलक पहुंचे। वहां कब्र में दफन रामप्रसाद का शव बाहर निकाला गया। इधर रामप्रसाद के परिजनों ने नासिर का शव उसके भाइयों के सुपुर्द किया। इसके बाद दोनों शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव की अदला-बदली को लेकर देर तक सिविल लाइंस क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल रहा।
दोनों की ही कोरोना से हुई थी मौत
एएसपी मुरादाबाद अनिल यादव ने बताया कि अस्पताल में दो लोगों की मौत कोविड से हुई थी। शव ले जाने में बाडी की हेराफेरी हो गई। दोनों अलग समुदाय के थे। दोनों के परिजनों की सूझबूझ से मामले का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से हो गया।