आजम खान पर टूटा मुसीबतों का पहाड़, अब वोटिंग देने का अधिकार भी खत्म, जानिए वजह
सपा नेता आजम खान को चुनाव आयोग ने अब एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, उनसे अब वोटिंग का अधिकार भी छीन लिया है। इसका मतलब ये हुआ कि वो रामपुर सदर उपचुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे। दरअसल, आजम खान को पिछले महीने ही हेट स्पीच के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है,जिसके बाद उनकी विधायकी भी चली गई है।
किसी व्यक्ति से वोटिंग का अधिकार कब छीना जाता है?
दरअसल, चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 16 के तहत ये कार्रवाई की जाती है। आपको बता दे कि रामपुर सदर सीट के उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने आजम खान का वोट देने का अधिकार छीनने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। इससे पहले 27 अक्टूबर को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच के मामले में 3 साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद चुनाव आयोग ने उनकी विधानसभा की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। अगर पूरे मामले को देखें तो साल 2019 में आजम खान ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था। इस मामले में रामपुर में केस दर्ज किया गया था, तीन बाद कोर्ट का फैसला आया है। इतना ही नहीं पिछले महीने ही एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच के मामले में दोषी मानते हुए 3 साल कैद और 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
आजम नहीं लड़ पाएंगे अब चुनाव !
कानूनी तौर पर ये जानना बेहद जरूरी है कि किसी व्यक्ति या सांसद या विधायक या विधान परिषद के सदस्य से वोट देने का अधिकार तब छीना जाता है जब उसने आईपीसी की धारा 171E या फिर लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125 या 135 के दोषी ठहराया जाता है। उसके बाद उनके वोटिंग राइट खत्म कर दिए जाते हैं। इतना ही नहीं उनको 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दिया जाता है।