यूपी पंचायत चुनाव : बसपा ने बताया किसे मिलेगा ग्राम प्रधान इलेक्शन में टिकट, जानें- क्या रखी है शर्त

बहुजन समाज पार्टी ने भी पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

Update: 2020-12-18 04:20 GMT

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी ने भी पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी पदाधिकारी जिलों में जाकर बैठक कर रहे हैं। इसी कड़ी में हाथरस में जिला स्तरीय बैठक मथुरा रोड स्थित लुंबिनी वन में हुई। मुख्य अतिथि की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी आगरा-अलीगढ़ मंडल मुनकाद अली एवं सूरज सिंह थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को बताया कि पंचायत चुनाव में पार्टी समर्पित मेहनती एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़वाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी के लिए ईमानदार नहीं होगा उन्हें किसी भी कीमत पर टिकट नहीं मिलेगा।

मुनकाद अली ने कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमारे सभी ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव जीते। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि चुनाव में अब बहुत कम समय बचा है। हमें जी जान से जुट जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार एवं केंद्र की भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि अन्नदाता इतने कड़ाके की ठंड में अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन सरकार मौन धारण किए हुए हैं। इस बैठक में भीम आर्मी के पूर्व जिला अध्यक्ष/मंडल महासचिव सरदार सुरजीत सिंह, मंडल संगठन सचिव कमल सिंह वालिया आदि बसपा में शामिल हुए। सपा नेता मोहर सिंह लोधी अपने साथियों सहित बसपा में आए। जिलाध्यक्ष बनीसिंह जाटव ने सभी का माला पहनाकर स्वागत किया।

जानें क्या पंचायतीराज विभाग की तैयारी :

पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा। इसके बाद एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी और फिर जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आधार पर पंचायतीराज विभाग ने एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया है।

यह प्रस्तुतीकरण दिसबंर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष विभागीय अधिकारियों को प्रस्तुत करना था। विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर इस प्रस्तुतीकरण को लेकर गये थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। मगर मुख्यमंत्री की अन्य बैठकों में व्यस्तता के चलते यह प्रस्तुतीकरण नहीं हो सका। 

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