प्रियंका गांधी ने CM योगी आदित्यनाथ के इस कदम का किया स्वागत, कहा- सरकार को साधुवाद...
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला किया है.
भारत की कोरोनावायरस के खिलाफ जंग जारी है, कुछ राज्यों में राहत जरूर मिली है लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जहां स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. देश में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 23 हजार के पार पहुंच चुकी है. इन सब के बीच जारी लॉकडाउन में मजदूरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इधर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में कहा, प्रदेश से बाहर काम करने वाले और वहीं फंसे रह गए प्रदेशवासियों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएंगे. राज्य के मुख्यमंत्री के इस फैसले का कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर स्वागत किया है.
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट मे लिखा है,"अन्य राज्यों में फंसे यूपी के कुछ मजदूरों को वापस लाने की पहल पर उप्र सरकार को साधुवाद. हम लगातार इस मुद्दे पर ज़ोर दे रहे हैं और यह उस दिशा में एक सार्थक कदम है.इसे पूरी तरह से सफल होने के लिए बाकी मजदूरों के लौटने के लिए भी योजना बनानी जरूरी है. अगर इसी तरह सकारात्मक रूख से देश के हित में हम सब कोऑपरेट करते रहें तो कोरोना से लड़ने मे बहुत मजबूती प्राप्त होगी."
अन्य राज्यों में फँसे यूपी के कुछ मजदूरों को वापस लाने की पहल पर उप्र सरकार को साधुवाद। हम लगातार इस मुद्दे पर ज़ोर दे रहे हैं और यह उस दिशा में एक सार्थक कदम है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 24, 2020
इसे पूरी तरह से सफल होने के लिए बाकी मजदूरों के लौटने के लिए भी योजना बनानी जरूरी है।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से योजना तैयार करने और प्रवासी कामगारों की सूची बनाने का आदेश दिया. उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की सीमा से ही प्रवासियों को घर भेजने के लिए बसों का इस्तेमाल करेगी. कामगार क्वारैन्टाइन सेंटर भेजे जाएंगे, या घरों पर ही क्वारैन्टाइन किए जाएंगे.उन्होंने कहा, ''ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग (जांच) कराने के बाद संबंधित राज्य सरकारों को उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारम्भ करनी होगी. संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाए जाने के बाद वहां से इन लोगों को बसों से उनके गृह जिला भेजा जाएगा. ये लोग जिन जनपदों में जाएंगे, वहां इन्हें 14 दिन पृथक-वास में रखने की पूरी व्यवस्था समय से कर ली जाए.''