यूपी के यात्रियों को लोक निर्माण विभाग सड़कों के बारे मे देगा जानकारी जानें
उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है, जो यात्रा शुरू करने से पहले उपयोगकर्ताओं को सड़क की स्थिति की वास्तविक स्थिति प्रदान करेगा। पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव नरेंद्र भूषण ने मीडिया से कहा कि प्लेटफॉर्म का उपयोग आंतरिक कार्यो के लिए किया जा रहा है, जैसे कि लागत मीट्रिक के साथ सिस्टम पर जानकारी को अपडेट करना, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक नेविगेशन पैनल प्रदान करना आदि।
इसकी निगरानी के लिए तीन लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क होगा। विभाग राज्य के राजमार्गो और इसके तहत आने वाली अन्य सड़कों के 55,000 किलोमीटर के विवरण को एकीकृत कर रहा है।
विभाग द्वारा कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए तकनीकी बोली मूल्यांकन सॉफ्टवेयर प्रणाली 'प्रहरी' शुरू की गई है।
अधिकारी ने कहा, "ए, बी, सी और डी समूहों के तहत सभी कॉन्ट्रैक्टर कैटेगिरी को दो साल पहले लॉन्च किए गए सॉफ्टवेयर के महत्व के बारे में प्रशिक्षित किया गया है।"
सॉफ्टवेयर पेश करने से पहले ठेकेदारों द्वारा प्रदान की गई तकनीकी बोलियों का मैन्युअल रूप से मूल्यांकन किया गया था और वरिष्ठ अधिकारियों से पक्षपात से संबंधित शिकायतें की गई थीं।
प्रहरी ने न केवल वैज्ञानिक मूल्यांकन पद्धति लाई, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा के भीतर समाप्त हो जाए और सबसे उपयुक्त बोलीदाता को शॉर्टलिस्ट किया जाए।