लखनऊ। कोरोना के दूसरी लहर के बीच गंगा में अचानक लाशें मिलने लगी थी। BHU के वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए बनारस में 16 जगहों से गंगा के जल का सैम्पल इक्कठा किया और उसे कोरोना की जांच के लिए बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान लखनऊ में भेज दिया था।
करीब एक महीने बाद जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट निगेटिव आई, गंगा में कोरोना संक्रमण नहीं पाया गया। वहीं, जबकि लखनऊ में गोमती नदी में गिरने वाले अस्सी फीसदी नालों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। इसके साथ ही अन्य कई नदियों और सीवेज के जल परीक्षण में आरएनए वायरस होने के प्रमाण मिल चुके हैं।
गंगा के जल की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वैज्ञानिकों में उत्साह है। दरअसल,बीएचयू के वैज्ञानिकों ने गंगाजल से कोरोना के इलाज का दावा किया था। वैज्ञानिको का ये दावा अब और पुख्ता हुआ है। उनके मुताबिक गंगाजल से तैयार नोजल स्प्रे से कोरोना की काट संभव है।