कानपुर में दावत-ए-इस्लामी की बिल्डिंग पर शिकंजा, कैसे बना मदरसा, शुरू हुई जांच
कानपुर हिंसा के बाद सामने आए दावत-ए-इस्लामी पर लगातार योगी सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. अब छोटे मियां का हाता में स्थित दावत-ए-इस्लामी की बिल्डिंग पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है.
कानपुर हिंसा के बाद सामने आए दावत-ए-इस्लामी पर लगातार योगी सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. अब छोटे मियां का हाता में स्थित दावत-ए-इस्लामी की बिल्डिंग पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. इसकी जांच का आदेश केडीए ने दे दिया है. बिल्डिंग का नक्शा पेश करने का निर्देश देते हुए इसे सीज करने या गिराने की चेतावनी दी गई है. जांच का मुख्य बिंदु यह है कि यह कैसे मदरसा बन गया.
केडीए वीसी अरविंद सिंह के निर्देश पर ओएसडी अवनीश कुमार सिंह ने अनु सचिव केसीएम सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. इस जांच के पांच अहम बिंदु होंगे. पहला बिंदु यह है कि अगर यह जमीन नगर निगम के स्कूल की थी तो यहां मदरसा कैसे बन गया.
दूसरा बिंदु यह है कि इमारत का निर्माण नक्शे के अनुरूप किया गया है या नक्शे के विपरीत. तीसरा यह कि इमारत का नक्शा पास है अथवा नहीं. चौथा यह कि जमीन का स्वामित्व किसके नाम है और भवन का निर्माण किसने कराया है. जांच का अंतिम बिंदु यह होगा कि इसका निर्माण कर्मचारियों की मिलीभगत से कराया गया या नहीं. अनु सचिव से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.
केडीए ने नगर निगम से भी इस भवन का विवरण मांगा है. नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एवं संपत्ति अधिकारी अनिरुद्ध सिंह से भी रिकॉर्ड मांगे गए हैं. यह पूछा गया है कि अभिलेखों में यह जमीन किसके नाम थी. केडीए के ओएसडी अवनीश सिंह के मुताबिक दावत-ए-इस्लामी का मदरसा छोटे मियां के हाते में कैसे बना और इसका भवन किस आधार पर बनाया गया है, इससे संबंधित पहलुओं को लेकर जांच का आदेश दे दिया गया है. अनु सचिव से रिपोर्ट मांगी गई है.