भले ही मॉडर्न युग चल रहा हो, इंसान का सारा काम ऑनलाइन और डिजिटल हो चुका है, लेकिन जनपद शामली में कुछ ऐसे भी गांव हैं, जिनमें आज तक इंटरनेट नहीं पहुंच सका. आईसीसी क्रिकेट एंपायर अनिल चौधरी के अवगत कराने पर विधायक तेजेंद्र निरवाल ने क्रिकेट एंपायर के गांव में टावर लगवाया. जिससे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में अब आसानी हो रही है, और किसान व ग्रामीण खुश हैं. वहीं शेष बचे गांव में प्रशासन से बात कर जल्द ही इंटरनेट के टावर उपलब्ध कराया जाएगा.
दरअसल आपको बता दें जनपद शामली के कुछ गांव ऐसे भी है. दिन में आज तक इंटरनेट नहीं पहुंच सका. वही जनपद शामली के कस्बा कांधला के गांव डांगरोल में आईसीसी क्रिकेट एंपायर अनिल चौधरी का पैतृक गांव है, जो कि इंटरनेट ना होने से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे, वही गांव से बाहर जॉब करने वाले युवक भी गांव में आकर इंटरनेट ना होने की वजह से अपना काम भी नहीं कर पाते थे, और ना ही किसी से बात कर पाते थे.
आईसीसी क्रिकेट एंपायर अनिल चौधरी जब भी अपने गांव आते थे तो या तो पेड़ पर चढ़कर बात करते थे या छतों पर खड़े होकर बात कर पाते थे जिससे उन्हें कहीं थोड़ा बहुत इंटरनेट कनेक्शन मिल सके, इंटरनेशनल क्रिकेट एंपायर ने इंटरनेट ना होने की बात से विधायक तेजेंद्र निरवाल को अवगत कराया, जिसे विधायक तेजिंदर निर्माण ने गंभीरता से लेते हुए कम्युनिकेशन कंपनी से बात की जिस के प्रयास से गांव में इंटरनेट का टावर लगा और अब बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई आसानी से कर रहे हैं और नेटवर्किंग की समस्या भी गांव में खत्म हो गई है.
विधायक ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान नेटवर्किंग ना होने की समस्या शामली के गांव डांग रोल से आई थी, यह समस्या का निस्तारण कराया गया, शामली का गांव डांगरोल आईसीसी क्रिकेट एंपायर अनिल चौधरी का पैतृक गांव है जब वह अपने घर आते थे तो उन्हें नेटवर्किंग इंटरनेट ना होने की समस्या से जूझना पड़ रहा था और गांव में बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते थे, जिस समस्या से आईसीसी क्रिकेट अंपायर ने विधायक विजेंद्र निरवाल को अवगत कराया, जिसका निस्तारण कराते हुए गांव में टावर लगा गांव में बच्चों को अब ऑनलाइन पढ़ाई करने में आसानी हो रही है. शामली के कुछ और गांव मणिपुर झाड़ेली कौन सा और भी गांव में कनेक्टिविटी नहीं होने की शिकायत आई है.
विधायक तेजेंद्र निरवाल ने बताया कि डीएम शामली से इस बारे में बात की गई है जिस गांव में नेटवर्किंग नहीं है उनकी जानकारी ली जाए क्योंकि आज सारी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है. तो अगर गांव में इंटरनेट नहीं होगा तो सारी चीजें गांव वह ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से नहीं नहीं पहुंच पाएंगे. छत ऊपर जाकर बच्चे पढ़ नहीं सकते कहीं बाहर नेटवर्किंग गांव के इस कोने में है तो दूसरे कोने में नहीं मिल पाती है तो सभी बच्चे साथ बैठकर नहीं पढ़ सकते विधायक 10 दिन निर्माण ने डीएम शामली से कहा कि प्रशासन की तरफ से जिस गांव में इंटरनेट नहीं है उन गांव में जल इंटरनेट के लिए टावर लगाए जाएं.