उत्पीड़न के खिलाफ दो नवंबर को होगा जेल भरो आंदोलनः नाहिद
- बोले, अब हक की लड़ाई लड़ने का समय आ गया
कैराना। सपा विधायक नाहिद हसन ने कहा कि भाजपा सरकार में पुलिस द्वारा गरीब, मजलूमों और पीड़ितों का उत्पीड़न किया जा रहा है। यहां थाने में दलाली चल रही है। पीड़ितों को ही जेल भेजा जा रहा है। अब अपमान नहीं सहेंगे। यह समय हक की लड़ाई लड़ने का आ गया है। उत्पीड़न के खिलाफ वह आगामी दो नवंबर को जेल भरो आंदोलन करेंगे और गिरफ्तारी देंगे।
गुरूवार को कोतवाली में नोकझोंक मामले के बाद सपा विधायक नाहिद हसन ने मोहल्ला आलदरम्यान स्थित अपने आवास पर प्रेस काॅन्फ्रेंस की। विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार में एक वर्ग को परेशान किया जाता है। कमजोर लोगों पर कहीं न कहीं ज्यादतियां हुईं। जब से भाजपा सरकार बनी हैं, तब से प्रदेश में क्राइम रेट बढ़ता जा रहा है। हमारे कैराना थाने में एक नया चलन चला दिया है। यहां तैनात इंस्पेक्टर बहुचर्चित हैं और उनके बहुत किस्से हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि थाने में लूटखोरी की दुकान चल रही हैं। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी की बात हैं कि यहां कोई भी पीड़ित दरख्वास्त लेकर जाता है, उसी बैठाकर जेल भेज देते हैं। पीड़ित फरियाद लेकर इंसाफ के लिए कहां जाएगा। मवी के झगड़े के मामले में प्रधान को तहरीर ले जाने पर बैठा लिया गया। जबकि उनके एक व्यक्ति को गंभीर चोट हैं, रेफर हैं। प्रधान से जबरदस्ती दबाव बनाकर लिखवा लिया गया कि वह फर्जी मुकदमा कराने आया है। दो दिन पहले मन्नामाजरा की घटना हैं। एक छोटे बच्चे से बाइक को लेकर झगड़ा हुआ। पीड़ित तहरीर लेकर गए, उनकी तहरीर और मेडिकल रख लिया। इससे विपक्षी हावी हो गए और पुलिस की ढिलाई की वजह से अगले दिन गोलियां चलीं। परसो थाने में दो औरतें बैठा रखी थी। कल तीन लोगों को जबरदस्ती 151 में जेल भेज दिया। ऐसे ही मोहल्ला आलखुर्द शादी में झगड़ा हुआ। एक जो मेहमान कोतवाली में तहरीर लेकर गया, उसको जेल भेज दिया। यह इंसाफ करने का कौनसा तरीका है। नंगलाराई गांव के प्रधान हैं, जिम्मेदार हैं, उन्हें बेइज्जत किया गया। प्रधान से दस बार उठक-बैठक लगवाई। ऐसे ही हर आदमी के साथ होगा, तो इंसाफ कैसे मिलेगा। मुर्सलीन का मर्डर हुआ, इन लोगों ने पैसे भी दिए। इस मामले में तीन और हैं, लेकिन पुलिस ने बैठा लिया और गोली देकर भगा दिया।
विधायक ने आगे कहा कि नंगलाराई खनन ठेकेदार के दो आदमियों को जबरदस्ती उठाकर लाए। कहते हैं कि पार्टी के लोगों से मिलकर जो माफिया हैं, जिनके नाम कागज नहीं हैं, उनके साथ अवैध तरीके से मिलकर चलाओ। उन्होंने कहा कि यह तो मेरा आदमी नहीं हैं। देख लीजिए। खनन ठेकेदार के दो लोगों का दो दिनों तक यह नहीं पता चला कि कहां गए। उन्होंने कहा कि कोतवाली में एक लिलौन का है, उसका यहां रहने का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि हम लोगों के साथ बदतमीजी हुई। हमने परेशान होकर अब फैसला ले लिया है। विधायक ने कहा कि मैं भी जेल गया, मैंने कभी किसी को नहीं कहा। हर मामले को महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, मानवाधिकार आयोग व कोर्ट में ले जाएंगे। विधानसभा में लडेंगे। यहां पीड़ित को मजबूर किया जाता रहा है। उनकी बोली लग रही है।
उन्होंने कहा कि चार साल की के साथ रेप हुआ, इंसाफ क्यों नहीं करते। यह गरीब हैं, इसलिए नहीं हो रहा है। अमीर होते, ता सबसे पहले डंडा लेकर जाते। उन्होंने कहा कि अवैध खनन चजल रह है। किस तरह से ठेकेदार के प्रताड़ित किया जा रहा है। माफिया के साथ मिलकर चलाओगे तो चलेगा। ठेकेदार के एक कर्मचारी की पिटाई भी की है। उन्होंने कहा कि एक भाजपा नेता रात-दिन थाने में रहकर दलाली करता है, वो नेता जिसने अपना घर उजाड़ दिया है। लोगों की जमीनें कब्जा ली। उन्होंने कहा कि कोतवाल अपने किरदार की मेरे से बराबरी न करें। उन्होंने कोतवाल पर रामपुर में धर्मस्थल से निकलते हुए एक व्यक्ति को दो गोलियां मारने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह पहले भी जेल गए हैं। अब आगामी दो नवंबर को पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा और गिरफ्तारी दी जाएगी। एमपी साहब ने भी जेल भरो आंदोलन किया था।
'सम्मान से जीने के लिए एक दिन बहुत'
विधायक नाहिद हसन ने आगे कहा कि मुझे सभी मामलों में बेल मिली, फिर भी जेल भेजा गया। जेल से आगे कुछ नहीं हैं, उसके लिए हम भी तैयार हैं, लेकिन हम घर नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि सम्मान से जीने के लिए एक दिन बहुत हैं। जब पीड़ित ही जेल जाएगा, तो क्या फायदा ऐसे थाने का, ऐसे थानेदार का, ऐसे पुलिस-प्रशासन का, ऐसे मुख्यमंत्री का, जो यह कहते हैं कि क्राइम रेट खत्म कर दिया। बोले कि योगीजी यह तुम्हारी गलतफहमी हैं, एक साल बाद जब चुनाव आएगा, तो पता चल जाएगा।
'उन सिंघम का देख लो आज अंजाम'
विधायक ने कहा कि एक आईपीएस अफसर थे, जो तानाशाह था और खुदा बना बैठा था। आज वो देशद्रोही हैं, 420 हैं। अब वो सिंघल कहां गए। आज देख लो उनका अंजाम। जो गलत करेगा, लाशों पर बैठकर अपने फायदे की सोचेगा कि कामयाब हो जाऊंगा, पर याद रहे कि ऊपर वाला भी है। जब उन आईपीएस जैसों का हो गया, यह तो किस खेत की मिर्ची हैं।
'वर्दी उतारकर आओ, देख लेंगे'
नाहिद हसन ने कहा कि यह साहब वर्दी में हैं। वर्दी उतारकर आओ, न मैं शिकायत करूंगा, न तुम करना। फिर बताऊंगा, क्या है। पुलिस की धौंस हैं, जो बदतमीजी कर रहे हैं। वो दिन कहां गए उस आदमी को मारा था, दो गोलियों से और लोगों के तुम पैर पकड़े थे। इतनी हिम्मत हैं, तो पुलिस की हैकड़ी बंद कर दो, खुले मैदान में आओ। मैं भी और तुम भी, फिर बताएंगे। पता लग जाएगा, तुम्हें। यह समय है, क्रमा हैं, जो जैसा करेगा, वैसा ही उसके साथ होगा।