यूपी में शिक्षा विभाग के घोटाले का पर्दाफाश, कुल चार माह में हुआ करोड़ों का घोटाला
194 शिक्षकों के साथ मिलकर खेला गया यह खेल!
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के शामली जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में 194 शिक्षकों की पदोन्नति का घोटाला महज चार माह में किया गया। चार माह में अलग-अलग तिथियों पर इन शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिया गया। प्रत्येक शिक्षक 10 से 14 हजार प्रतिमाह अतिरिक्त वेतन का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा पदोन्नति के समय ढाई से साढ़े छह लाख का एरियर भी इन शिक्षकों को दिया गया।
दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच काल्पनिक पदोन्नति घोटाला हुआ। शिक्षा सचिव से अनुमति लिए बिना ही 194 शिक्षकों को काल्पनिक पदोन्नति दे दी गई। 23 शिक्षकों को एक माह में ही दो बार पदोन्नति दी गई। प्रशासन ने गंभीरता से जांच कराई तो पूर्व बीएसए चंद्रशेखर, तत्कालीन बीएसए गीता वर्मा और डीआईओएस अनुराधा दोषी पाए गए थे। इनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी।
वहीं जांच में लेखाधिकारी राजेंद्र कुमार कौशिक को भी दोषी माना गया था, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अधिकारियों के यहां से तबादले हो गए। लेखाधिकारी नवंबर 2022 में सेवानिवृत हो गए।
किस आधार पर दी पदोन्नति, नहीं है कोई आदेश
काल्पनिक पदोन्नति जिन शिक्षकों की पदोन्नति को आधार बनाकर की गई थी, उनकी पदोन्नति की जांच ही नहीं कराई गई। विज्ञान और अनुसूचित जाति के शिक्षकों की पदोन्नति को इस मामले में आधार बनाया गया। जबकि ऐसा कोई विभागीय आदेश भी बीएसए कार्यालय में नहीं है। आरटीआई के तहत दी गई सूचना में यह स्वीकार भी किया गया है।
इस लाभ में इनकम टैक्स की भी की गई चोरी
शिक्षकों को कई-कई साल का एरियर इस काल्पनिक पदोन्नति के समय दिया गया। जिसका टीडीएस भी नहीं काटा गया। इस तरह इनकम टैक्स की भी चोरी की गई। इसके अलावा एरियर देने में इतनी जल्दबाजी की गई कि वेतन अप्रैल 2018 से बढ़ा लेकिन इन शिक्षकों को एरियर उससे पहले ही दे दिया गया।