शामली: त्योहारों की बहार, बहने पहुंची बाजार, सोशलडिस्टेंसिंग धड़ाम

Update: 2020-07-31 11:24 GMT

रक्षाबंधन पर्व के करीब आते ही बाजारों में राखियां सजने लगी हैं। शुक्रवार को रंग बिरंगी लाइटों के बीच सजीं राखी की दुकानों पर भाइयों के लिए खरीदारी करने वाली हर उम्र की बहनों की काफी भीड़ रही।

रक्षाबंधन पर्व की तैयारी के लिए बहनों ने भाईयों के लिए बाजारों से सुंदर-सुंदर राखियां खरीदनी शुरू कर दी है। नगर के कबाड़ी बाजार, बड़ा बाजार, गांधी चौक, नया बाजार, शिवचौक, नेहरू मार्केट में राखियों की दुकानें सज गई हैं। दुकानों पर रखीं सुंदर-सुंदर राखियां बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हैं। बहनों ने दूर दराज रहने वाले भाइयों के लिए राखियों की खरीदारी शुरू कर दी है। दोपहर के समय राखियों की दुकानों पर महिलाओं की काफी भीड़ देखने को मिली। शाम के समय सात बजे से पहले बाजारों में दुकानों पर राखी खरीदने के लिए लोगों की भीड़ रही। खास बात यह रही कि अनेक महिलाएं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए राखियों की खरीदारी कर रही थीं।

ईद-उल-अजहा को लेकर बाजारों में शुक्रवार को खासी चहल-पहल रही। महिलाओं, बच्चों और युवाओं ने खूब खरीददारी की। कुर्बानी के लिए पशुओं की भी खरीददारी होती रही।

ईद-उल-अजहा (बकरीद) शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन लॉकडाउन भी है। ऐसे में गुरुवार को बारिश रुकने के बाद बाजार में भीड़ नजर आई। पहले तो ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद को ही नए कपड़े, जूते आदि की खरीददारी होती थी, लेकिन अब बकरीद को भी खूब खरीददारी होती है। महिलाओं ने भी खरीददारी की। दिन में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के अधिक भीड़ रही तो शाम के वक्त शहर के लोग बाजार में पहुंचे। शुक्रवार को भी काफी भीड़ बाजारों में मिली है।

बकरीद पर बकरे व अन्य पशुओं की कुर्बानी की जाती है। इस बार जिले में कहीं भी पशुओं की बिक्री के लिए पैंठ या मंडी नहीं लग रही है। ऐसे में कुर्बानी के लिए पशुओं का प्रबंध करने में परेशानी भी पेश आ रही है। हालांकि जिन पर कुर्बानी वाजिब होती है, ऐसे काफी लोगों ने पशु का प्रबंध कर लिया है। लेकिन काफी लोगों को बकरा या अन्य पशु नहीं मिल पाया है। वह प्रबंध करने में जुटे हुए हैं।

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