शामली: जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों को सजाया गया, नहीं दिखाई दी रौनक, सुने रहे मंदिर
सभी लोगों ने अपने घर में रहकर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया, वही लोगों ने अपने अपने तरीके से लड्डू गोपाल जी को मिष्ठान वह चॉकलेट आदि तरीके से भोग लगाकर जन्माष्टमी का पर्व मनाया.
शामली: कोरोना महामारी के चलते जन्माष्टमी पर मंदिर भी सुनसान दिखाई दिए. मंदिरों को सजाया गया लेकिन सभी लोगों ने अपने-अपने घर में रहकर ही लड्डू गोपाल जी व राधा कृष्ण जी को सजाया. जन्माष्टमी के दिन शिव चौक पर भव्य मेला लगता था. जहाँ आज शिव चौक कोरोना महामारी के चलते सुनसान रहा.
श्री मंदिर हनुमान टीला हनुमान धाम के मुख्य गेट को भी बंद रखा गया. लोग मंदिर के बाहर मुख्य गेट खुलने का इंतजार करते नजर आए. वही अबकी बार जन्माष्टमी का पर्व फीका रहा. लोगों ने घरों में रहकर अपने अपने तरीके से जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया.
आपको बता दें, जनपद शामली में जन्माष्टमी को लेकर मंदिरों को सजाया गया. लेकिन सभी मंदिर सुनसान दिखाई पड़े रहे. पहले की तरह जन्माष्टमी पर रौनक नहीं दिखाई दी. कोरोना महामारी के चलते इस बार त्योहार फीके रह गए है. जन्माष्टमी पर भी मंदिर सुनसान दिखाई दे रहे थे जहाँ आज के दिन मन्दिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ संभलती नहीं थी वहीं आज मंदिर खाली खाली नजर आ रहे थे.
जनपद शामली का शिव चौक भव्य तरीके से सजाया गया था. लेकिन कोरोनावायरस के चलते कोई भी श्रद्धालु मंदिरों में नहीं दिखाई पड़ा. जन्माष्टमी का पर्व भव्य तरीके से मनाया जाता था, तो वहीं अब की बार मंदिरों को सजाया तो गया, मगर मंदिर सुनसान दिखाई दिए.
जनपद शामली के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ श्री हनुमान टीला हनुमान धाम पर कोरोना महामारी के चलते मुख्य गेट को बंद रखा गया. सभी लोगों ने अपने घर में रहकर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाया, वही लोगों ने अपने अपने तरीके से लड्डू गोपाल जी को मिष्ठान वह चॉकलेट आदि तरीके से भोग लगाकर जन्माष्टमी का पर्व मनाया.
जहाँ कोरोना ने पूरे प्रदेश और देश में नहीं पूरे विश्व में सब कुछ ठप कर रखा है. वहीं आज प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. आज पूरे प्रदेश में आये मरीजों की संख्या ने सभी आंकड़े तोड़ दिए और पांच हजार से ज्यादा कोरोना मरीज आये है. हम सभी शामली वासी जन्माष्टमी पर्व पर भगवान श्री कृष्ण से इस महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना करते है.