लखनऊ वक्फ संपत्ति को लेकर शिया वक्फ बोर्ड को हुआ एतराज, जानें पूरा मामला
बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी की ओर से लिखे गए इस पत्र में प्राधिकरण से यह भी आग्रह किया गया है कि इस निर्माण की सील किसी भी सूरत में ना खोली जाए।
उत्तर प्रदेश सिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने राजधानी लखनऊ के शहरी इलाके में स्थित एक वक्फ संपत्ति पर हुए निर्माण को अवैध ठहराते हुए इस निर्माण को ढहाए जाने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा है। बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी की ओर से लिखे गए इस पत्र में प्राधिकरण से यह भी आग्रह किया गया है कि इस निर्माण की सील किसी भी सूरत में ना खोली जाए।
चेयरमैन अली जैदी का कहना है कि पूर्वांचल के एक बाहुबली राजनेता के लोगों ने इस वक्फ सम्पत्ति पर जबरिया कब्जा किया और फिर उस पर निर्माण करवा दिया। अब प्राधिकरण के कुछ अभियंता मिलीभगत करके शमन शुल्क जमा करवा कर इस निर्माण पर लगी सील खुलवाने की कोशिश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण को पूरी जांच करके इस निर्माण पर बुलडोजर चलवाना चाहिए।
लखनऊ विकास प्राधिकरण को लिखे गये पत्र में शिया वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी सैय्यद हसन रजा रिजवी ने कहा है कि वक्फ कब्रिस्तान डिप्टी मोहम्मद अजीम गोमतीपार न्यू हैदराबाद की सम्पत्ति का रकबा 7310 वर्ग फीट यानि 679.368 वर्ग मीटर है। यह पुराना हैदराबाद वार्ड काल्विन कालेज लखनऊ की सम्पत्ति है जो बोर्ड के दस्तावेजों में दर्ज है। यह वक्फ सम्पत्ति नगर निगम लखनऊ में वर्ष 1962 के खसरे में कब्रिस्तान दर्ज है जिसमें तमाम कब्रें मौजूद हैं जिनको खोद कर उनका अस्तित्व समाप्त करते हुए वक्फ सम्पत्ति का अवैध क्रय-विक्रय भी कर दिया गया।
यह मामला बोर्ड के संज्ञान में आने पर अनिर रावथर, मेसर्स ए.बी.ण्म. रियलिटी प्रा.लि. के डायरेक्टर रईस हैदर के खिलाफ वक्फ अधिनियम 1995 की धारा-52 के तहत कार्यवाही करते हुए कब्जा प्राप्त करने के लिए जिलाधिकारी/अपर वक्फ आयुक्त को तीन मार्च को पत्र भेजा गया फिर 22 मार्च को लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा गया। शिया वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी के इस पत्र में लखनऊ विकास प्राधिकरण से आग्रह किया गया है कि उपरोक्त निर्माण परिसर में लगी हुई सील को वक्फ हित में न खोला जाए और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जाए ताकि वक्फ सम्पत्ति की सुरक्षा सुनिश्चत हो सके।