लालजी की रिपोर्ट
सुल्तानपुर में घाट के एक पंडा ने अभिनेत्री से सन्यासिनी बनी महिला पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। नजूल की इस जमीन पर दोनों अपना अपना दावा ठोंक रहे हैं। हाल ये है कि सन्यासिनी के प्रभाव में सरकारी जेसीबी से पुराना कब्जा भी हटा दिया गया है। अब पंडा का परिवार अपनी जमीन बताते हुये अधिकारियों की चौखट पर ठोंकरे खा रहा है। वहीं पंडा के आरोपो को सन्यासिनी सिरे से खारिज कर उसे अपनी पैतृक जमीन बता रही है।हैरानी की बात तो ये है कि जिले के आलाधिकारियों तक मामला संज्ञान में है,लेकिन कैमरे पर कोई बोलने को तैयार नही।
सन्यास का अर्थ है सांसारिक बंधनो से मुक्त होकर निष्काम भाव से प्रभु का निरंतर स्मरण करना। अर्थात ब्रह्म चिंतन में लिप्त रहते हुये भौतिक आवश्यकताओं के प्रति उदासीन रहना। लेकिन इन सबसे उलट नगर कोतवाली के सीताकुंड मोहल्ले में अभिनेत्री से सन्यासिनी बनी माँ मैत्तरायनी योगिनी उर्फ मल्लिका राजपूत पर सीताकुंड घाट के एक पंडा की जमीन कब्जाने का गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि सीताकुंड घाट के पंडा ओम प्रकाश पांडेय के घर के सामने एक नजूल की जमीन है जिसपर ओम प्रकाश पांडेय के परिवार द्वारा गोवंश आश्रय स्थल चलाया जा रहा था। लेकिन शनिवार की शाम एक सरकारी जेसीबी से नगर कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में यहां पुराना कब्जा हटा दिया गया। इतना ही नही सन्यासिनी द्वारा इसी जमीन से लगे अपने मकान का दरवाजा भी इसी जमीन पर खोलने के लिये दीवार भी तोड़ दी गई। तब से ओम प्रकाश पांडेय का परिवार अपनी जमीन बताते हुये अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहा है। नगर कोतवाली, एसडीएम, एडीएम और जिलाधिकारी से न्याय की गोहार लगा रहा है। लेकिन फरियाद सुनने वाला कोई नही।
कभी मुम्बई की माया नगरी की फ़िल्म इंडस्ट्री में अपना जलवा बिखेरने और अब सन्यासिनी बन चुकी माँ मैत्तरायनी योगिनी उर्फ मल्लिका राजपूत ने ओम प्रकाश पांडेय के परिवार का आरोप सिरे से खारिज कर दिया। मल्लिका की माने तो ये जमीन उनकी नानी की थी, जिसे वे उनकी माँ के नाम वसीयत कर चुकी थी। इस जमीन का उपयोग करने के लिये ओम प्रकाश पांडेय को दिया गया था, लेकिन अब खाली करने के बाद विवाद हो रहा है। इसपर अतिक्रमण हटाने के लिये कई बार शिकायत भी की गई जिसके बाद प्रशासन द्वारा इसे गिरवाया गया। वहीं इसी जमीन पर दरवाजा खोलने पर सन्यासिनी यानी मल्लिका की माने तो उनके पिता की तबियत खराब है, सांस लेने की दिक्कत के चलते यहां यहां खिड़की लगाने के लिये दीवार तोड़ी गई है।
एक तरफ जहां सन्यासिनी उर्फ मल्लिका राजपूत द्वारा पुलिस की मौजूदगी में इस जमीन पर कब्जा हटाये जाने की बात कही जा रही है वहीं जिला प्रशासन इस मामले में अपने आपको पूरी तरह अनभिज्ञ बता रहा है। सवाल ये है कि अगर प्रशासन को जानकारी नही तो किसके आदेश पर पुलिस की मौजूदगी में ओम प्रकाश का कब्जा हटाया गया, कहीं न कही सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा हैं।