यूपी के सात जिलों के संविदाकर्मियों का वेतन 22 करोड़ लेकर कंपनी फरार
यह मामला बाराबंकी, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत समेत सात जिलों से जुड़ा हुआ है।
यूपी में बिजली विभाग को संविदा कर्मी सप्लाई करने वाली दिल्ली की निजी कंपनी द्वारा 22 करोड़ का गोलमाल किए जाने का मामला सामने आया है। सुलतानपुर समेत सात जिलों के कर्मचारियों का 22 करोड़ रुपये लेकर दिल्ली की कंपनी फरार हो गई। अधीक्षण अभियंता की संस्तुति पर एमडी ने संस्था को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया है। प्रकरण बाराबंकी, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत समेत सात जिलों से जुड़ा हुआ है।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में मैसर्स ओरियन सिक्योरिटी सलूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को कर्मचारियों की तैनाती का दारोमदार दिया गया था। विद्युत वितरण मंडल में 4923 संविदा कर्मचारियों का अनुबंध 2019 में पूरा हो गया था। जिसमें इन कर्मचारियों का वेतन समेत अन्य आवश्यक भुगतान संबंधी देयक दिया जाना था। विद्युत वितरण मंडल सुल्तानपुर में 74, बदायूं में 890, बाराबंकी में 941, शाहजहांपुर में 85, बरेली में 659, पीलीभीत में 442 और बरेली में 293 संविदा कर्मियों की भर्ती कंपनियों के जरिए हुई थी।
बीच-बीच में भुगतान न मिलने पर संविदा कर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन भी किया था। जिसे देखते हुए पूरे मामले में जांच पड़ताल बिजली विभाग की तरफ से कराई गई थी। सुल्तानपुर की तरफ से भेजी गई रिपोर्ट में 2022 से संविदा कर्मचारियों की तैनाती कराने वाली इस कंपनी ने 22 करोड़ का घोटाला किया है और कंपनी के पदाधिकारी अधिकारियों को चकमा देते हुए गायब हो गए हैं।
पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए अधीक्षण अभियंता बिजली सुलतानपुर राकेश प्रसाद ने कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके आधार पर एमडी ने पत्र पर संस्तुति देते हुए कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। बहर हाल बिजली विभाग के अधिकारी अब इस कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।
अधीक्षक अभियंता राकेश प्रसाद ने बताया कि सात जिलों में को संविदा कर्मी समेत अन्य चीजें इसी कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराई गई थी। सर्किल स्तर पर पहले नोटिस दी गई थी। इसके बाद यह कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।