बहु के रवैया से परेशान ससुर

घरेलू विवाद से शुरु मामला आज बलात्कार तक पहुँच गया।

Update: 2020-11-03 06:53 GMT

एक कहावत है कि जहाँ चार बर्तन होता है वहां आवाज जरूर होती है। लेकिन यहां ऐसा नही है। बहु की रवैया और जिला प्रशासन की प्रताड़ना से परेशान ससुर 2 सप्ताह से दर दर की ठोकरें खा रहा। बहु की हाई बोल्टेज ड्रामा और पुलिस प्रशासन बनता जा रहा महिला बहु की कठपुतली, बहु के झूठे इल्जामों से परेशान ससुर का छलका का दर्द,वही आप बीती मीडिया तो दांतों के तले सभी ने अंगुली दबा लिया। फिर साथ साथ बहु के चरित्र का भी किया पर्दाफाश,ससुर ने सुनाई चरित्रहीन बहु के जुल्मो की कहानी।

दरअसल यह मामला नगर कोतवाली के मेजरगंज मोहल्ले का है जहाँ के रहने वाले अशोक सोनी के पुत्र आकाश सोनी से जुड़ा है मामला। पीड़ित ससुर की माने तो 2 वर्ष पूर्व 2018 में मैनी मोटिरियल साइड से आकाश सोनी का विवाह सिद्धार्थ नगर की रहने वाली साक्षी वर्मा से हुई थी।शादी तो हिन्दू रीति रिवाज से और बड़ी धूमधाम से हुई। लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद ही साक्षी वर्मा ने अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया। जिसके कारण पारिवारिक विवाद बढ़ता गया। और आलम यह रहा कि कुछ महीने बाद ही घर का झगड़ा सड़क पर आ गया,फिर देखते ही देखते थाने पहुँचा गया और फिर उसके बाद दिवानी न्यायालय भी पहुंच गया। घरेलू विवाद से शुरु मामला आज बलात्कार तक पहुँच गया।


आपको बताते चले कि अशोक सोनी ने बताया कि मेरी बहु साक्षी वर्मा को मेरे बेटे ने आपत्तिजनक स्तिथि में फोन पर वीडियो कॉल पर बात करते हुए पकड़ा था,तब से ही सारी स्तिथियाँ साफ हो गई और आकाश सोनी ने बदचलनी आरोप लगाते हुए साक्षी वर्मा के साथ आगे का जीवन ना बिताने का फैसला कर लिया। उन्होंने बताया कि पहले तो हम परिवारी जनो को घरेलू हिंसा के झूठे मुकदमे में फंसाया। फिर मेरे व मेरे छोटे बेटे पर झूठा आईपीसी की धारा 376 का मुकदमा कर जेल भेजवाया दिया। इसलिए अशोक सोनी ने अपने पुत्र आकाश सोनी को अपने जायदाद से बेदखल कर दिया। इसी बीच कहानी में एक और नया मोड़ तब आया,जब बीते 22 अक्टूबर 2020 को साक्षी वर्मा ने कोर्ट से एक आर्डर लेकर लगभग 18 अक्टूबर को ही पुलिस के सहारे अशोक सोनी के घर मे घुसने का प्रयास किया।

लेकिन वही जब अशोक सोनी के अधिवक्ता अजंली से बात की गई,तो उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर का जो आर्डर हुआ है वो आकाश सोनी के लिए है उस आर्डर में साफ लिखा है कि पति पत्नी को एक हवादार कमरे व जहां शौचालय व नहाने की उत्तम उत्तम व्यवस्था न हो वहां उसके साथ कैसे रहेगा व खान-पान की भी व्यवस्था कैसे करेगा। जिससे पति पत्नी के रिश्ते में मधुर संबंध की शुरुआत हो सके। ना रखने की स्तिथि में 6000 रुपये प्रतिमाह देगा। इस शर्त से सहमत या ना सहमत होने पर अपना जवाब 22 अक्टूबर को दाखिल करेगा। बावजूद इसके साक्षी वर्मा जबरन प्रशासनिक दबाव बनाकर 22 के पहले ही अशोक सोनी के घर में घुसने के लिए जबरन दबाव बनाने लगी थी।

वही मीडिया से रूबरू होते हुए आकाश सोनी ने कहा कि मेरी पत्नी के नाजायज सम्बन्धो की वजह से मैं उसके साथ आगे का जीवन नही बिताना चाहता। साक्षी वर्मा की वजह से मेरे पिता जी ने मुझे बेदखल कर दिया है। आज मैं किराये का कमरा लेकर 7 हजार की नौकरी कर अपना गुजर बसर कर रहा हूँ। साक्षी वर्मा ने मेरे पिता और भाई को पहले भी बलात्कार के झूठे मुकदमे फसा चुकी है अब फिर साजिश के तहत मेरे पिता के घर में घुस कर कोई और षड्यंत्र रचना चाहती है। जबकि कोर्ट ने साक्षी वर्मा को मेरे साथ रहने की बात कही है तो मैं जहा रहता हूं उसको वहां रहना चाहिए। लेकिन वो मेरे पिता के घर क्यों जाना चाहती है। और सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जिस ससुर पर उसने आरोप लगाया कि उसने उसका बलात्कार किया है।तो वहां वो खुद अब क्यों अपने आप सुरक्षित महशूस कर रही है।ये सिर्फ और सिर्फ साजिश है।प्रशासन भी लगातार उसका साथ दे रहा है। जो कही भी कोर्ट ने प्रशासन आदेश का पालन करवाने के लिए निर्देशित नही किया है। फिलहाल जो भी कोर्ट का फैसला होगा मैं उसका खुद पालन करूँगा। आकाश ने तो यहां तक कहा कि अगर अब प्रशासन द्वारा जबरन उन्हें परेशान किया गया तो वो आत्महत्या कर लेंगे और जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा।

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