सांसद मेनका संजय गांधी के केस में सुनवाई टली, विशेष अदालत ने साक्षियों को किया तलब
एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट में तीन को होगी सुनवाई
सुलतानपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री व जिले की सांसद मेनका संजय गांधी के खिलाफ एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में दाखिल हुए मुकदमे में आज परिवादी गैरहाजिर रहे,जिनके अधिवक्ता ने साक्ष्य के लिए समय की मांग की। जिस पर विशेष न्यायाधीश पीके जयंत ने परिवादी को अन्य साक्षियों के साथ तीन अक्टूबर के लिए पेश होने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि जिले की सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए परिवादी राजेश कुमार मिश्र ने स्पेशल जज एमपी- एमएलए की अदालत में परिवाद दाखिल किया है। दरअसल में बीते 10 अगस्त को दूबेपुर विकास खंड में जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक में डीएम- एसपी सहित अन्य अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों और मीडिया की मौजूदगी में सांसद ने कोरोना को लेकर बने नियमो का पालन कराने की आड़ में पुलिस के जरिये आम जनता की हो रहे उत्पीड़न पर संज्ञान लेते हुए पब्लिक को 'मास्क लगाने के लिए न कहें वह मरे तो हमारी बला से' ऐसा बयान सांसद के जरिये देने की बात सामने आई थी।
इसके अलावा इसी बैठक में बिना किसी ठोस आधार के पत्रकारों के खिलाफ विवादित बयान देते हुए उन्हें ब्लैकमेलर भी कहने की बात सामने आई थी, इन्हीं सब गम्भीर आरोपों को लगाते हुए केस दाखिल किया गया है। परिवादी का आरोप है कि उनके इस बयान से आम जनता कोरोना के प्रति लापरवाही बनी , साथ ही पत्रकारों के प्रति आम जनता के मन मे गलत भावनाएं पैदा हो रही हैं, जिससे पत्रकार समाज को गहरा आघात लगा है। इसके अलावा अन्य आरोप लगाते हुए सांसद के जरिये की गई बयानबाजी के संबंध में परिवादी ने माननीयों की विशेष अदालत में परिवाद दाखिल कर सांसद को तलब कर उन्हें दंडित करने की मांग की है। मालूम हो कि इस सम्बंध में परिवादी ने इसके पूर्व एक केस दूसरी अदालत में दाखिल कर दिया था,
स्पेशल जज ने परिवादी से पूर्व में दाखिल मुकदमे की स्थिति के संबंध में ब्यौरा मांगा था एवं केस की पोषणीयता एवं क्षेत्राधिकार पर सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय किया था। आज गुरुवार को परिवादी के अधिवक्ता ने पूर्व में दाखिल केस को वापस ले लेने के सम्बन्ध में आदेश की प्रति दाखिल कर दी और परिवादी राजेश कुमार मिश्र को पिता के इलाज के लिए लखनऊ जाने की बात कहते हुए अर्जी देकर समय की मांग की। न्यायाधीश पीके जयंत ने पूर्व में दाखिल केस की स्थिति जानने के बाद प्रकीर्ण फौजदारी वाद दर्ज रजिस्टर करने का आदेश दिया एवं परिवादी को अन्य साक्षियों के साथ आगामी तीन अक्टूबर के लिए अपना बयान दर्ज कराने व साक्ष्य पेश करने के लिए तलब किया है।
उधर सांसद की तरफ से पैरवी के लिए नियुक्त अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि माननीय सांसद की मंशा हमेशा ही जनहित व देशहित में रही। सांसद के अधिवक्ता के मुताबिक सही तथ्य दर्शाने के बजाय उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है, उन्होंने समय आने पर अदालत के समक्ष सही तथ्य रखकर पूरे प्रकरण से कोर्ट को अवगत कराने के लिए कहा है। इस मामले में अब सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तिथि तय की गई है।