सुलतानपुर, फर्जीवाड़ा कर दूसरे के खाते पर ऋण लेने के मामले में आरोपी महिला की अंतरिम जमानत जिला जज ने खारिज कर दी।लेकिन जेल जाने की नौबत आने पर आरोपी महिला यह झटका झेल नहीं सकी आैर उसकी तबियत बिगड़ गयी।नतीजतन वह जेल के बजाय जिला अस्पताल गयी।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित एक निजी बैंक शाखा से जुड़ा है। जहां पर अभियोगिनी पार्वती देवी पत्नी रामभोर निवासी छरौली- धम्मौर ने अपने खातों में लाखों की धनराशि जमा किया था। खाते का समय पूरा होने पर वह रूपये निकलवाने गयी तो पता चला कि उसकी जगह पर दूसरी पार्वती नाम की महिला ने फर्जीवाड़ा कर लाखों का लोन ले लिया है। इस मामले में फर्जीवाड़ा करने वाली पार्वती देवी शर्मा पत्नी ओंकारनाथ शर्मा निवासी पलहीपुर- कोतवाली नगर समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसी मामले में शनिवार को पार्वती ने सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण कर जमानत अर्जी प्रस्तुत की। जिसे सीजेएम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो जिला एवं सत्र न्यायालय में भी जमानत अर्जी प्रस्तुत कर अंतरिम जमानत की मांग की गयी।
फिलहाल अदालत ने पर्याप्त आधार न पाते हुए आरोपी महिला की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर उसकी मूल जमानत पर सुनवाई के लिए आगामी आठ जनवरी की तिथि तय कर दी। इसके बाद कोर्ट से जमानत पा जाने की आश में लगी आरोपी महिला को जब जेल जाने की नौबत आयी तो वह यह झटका झेल नहीं सकी। नतीजतन उसकी तबियत बिगड़ गयी। सीजेएम ने उसकी यह हालत देखकर जेल अधीक्षक को नियमानुसार चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आदेशित कर दिया।
जेल में दाखिल करने के लिए पुलिसकर्मी उसे लेकर पहुंचे तो महिला को जेल में दाखिल ही नहीं किया गया। नतीजतन वह जेल जाने के बजाय जिला अस्पताल पहुंच गयी। जहां पर उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो आरोपी महिला की हालत इतनी गम्भीर भी नही दिख रही थी कि उसके लायक जेल में चिकित्सा व्यवस्था ही उपलब्ध न हो। ऐसे में उसका दाखिला जेल में न लेने और उसके बाद जिला अस्पताल के चिकित्सक के जरिये आरोपी महिला को इलाज के लिए जिला अस्पताल में रोकने की कार्यवाही को संदेह की नजर से देखा जा रहा है।