अभिभावकों ने स्कूलों के मनमानी वसूली के खिलाफ किया प्रदर्शन

Update: 2021-03-24 11:23 GMT

कोरोना काल मे प्रधानमंत्री द्वारा दिये आपदा में अवसर के बदलने के कोटेशन की अगर किसी ने सबसे ज्यादा धज्जियां उड़ाई तो वो रहे प्राइवेट स्कूल। इन स्कूलों में ऑनलाइन क्लासें चलाई गई लेकिन फीस पूरी वसूली गई। यानि स्कूल बंद होने के दौरान भी यहां पर मेंटिनेंस, गाड़ी का किराया बिजली का बिल समेत तमाम ऐसे शुल्क लिये गए जिसका बंद स्कूल के दौरान छात्रों से कोई मतलब ही नही रहा। फिलहाल स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी कार्यवाही से नाराज अभिभावकों ने जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।

 बताते चलें कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते सभी विद्यालयों को मार्च में बंद करने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, और भविष्य बर्बाद न हो लिहाजा सभी प्राइवेट स्कूलों को ऑनलाइन क्लास चलाने के निर्देश सरकार द्वारा दिये गए थे। जिसके बाद ऑनलाइन क्लासें चलानी शुरू कर दी गईं। इतना ही नही सरकार द्वारा ये भी निर्देश दिए गए कि बच्चों से केवल ट्यूशन फीस ही वसूली जाय। लेकिन सुल्तानपुर के प्राइवेट स्कूलों ने यहां अभिभावकों से खूब सबसे लाभ किसी लाभ किसी ने कमाया सरकार की लाख हिदायतों के बाद भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी जारी है।

हाल ये है कि सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासें चलाई गई लेकिन फीस मनमानी वसूली गई। कोरोना काल में स्टेला मैरिस कान्वेंट स्कूल, सेंट जेवियर्स, सेम्फोर्ड स्कूल, सनबीम स्कूल, महर्षि विद्या मंदिर, जैसे तमाम स्कूलों ने आपदा को अवसर में बदलने का ऐसा खेल खेला कि अभिभावक भी दंग रह गए।अभिभावकों की माने तो इन स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा मेंटिनेंस चार्ज, गाड़ियों का किराया, बिजली का बिल समेत ऐसे चार्ज वसूले गए जिनका कोई मतलब ही नही। जिन लोगों ने फीस जमा करने का विरोध किया वहां बच्चों का रिजल्ट ही नही दिया गया साथ ही उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश भी नही दी जा रहा। फीस जमा करते ही उनका रिजल्ट देने के साथ साथ उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश भी दे दिया गया। लिहाजा इसी बाद से नाराज दर्जनों अभिभावकों ने जिलाधिकारी से इन विद्यालयों की शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।

 वहीं जिलाधिकारी ने कार्यवाही का आश्वासन देते हुये मामले की जांच जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंप दी है। जिला विद्यालय निरीक्षक की माने तो कोरोना काल के दौरान अगर इन विद्यालयों ने ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस वसूली है तो गलत है। फिलहाल तात्कालिक जिलाधिकारी का आदेश निकलवा कर पूरे मामले की पड़ताल की जाएगी। अगर आदेश के विपरीत वसूली की गई होगी तो इन विद्यालयों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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