Purvanchal Expressway News; लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कर रहे है सफर तो जानिए ये बात, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे दो किमी तक वनवे से निकलेंगे वाहन

Update: 2022-10-17 10:54 GMT

सुल्तानपुर: दो दिन पूर्व पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बीएमडब्ल्यू कार हादसे में एक साथ हुई बिहार के चार लोगों की मौत के बाद एक्सप्रेसवे प्राधिकरण हरकत में आया है। हादसे से बचने के लिए रविवार को प्वाइंट 83 किमी. और प्वाइंट 85 किमी. के पास एक्सप्रेसवे के डिवाइडर को तोड़कर सड़क बनाने का काम शुरू हुआ। इस तरह दो किमी. के दायरे में ट्रैफिक वन-वे रहेगा। यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार पूर्व में एक्सप्रेसवे पर हुए गड्ढे की जब तक पूरी तरह से मरम्मत नहीं कर ली जाती तब तक निर्धारित स्थान से ही लखनऊ से गाजीपुर की तरफ जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को निकाला जाएगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 83.75 प्वॉइंट पर छह अक्तूबर को बरसात के दौरान 15 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया था। गड्ढे में एक के बाद एक छह वाहन फंस गए और चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद पूर्वांचल एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने एक्सप्रेसवे को बड़े वाहनों के लिए 85 किलोमीटर प्वॉइंट तक वन-वे कर दिया था। यहां पर्याप्त संकेतक नहीं लगे होने के कारण बीच-बीच में दुर्घटनाएं होती रहीं। शुक्रवार को माइल स्टोन 83 किलोमीटर पर बीएमडब्ल्यू कार और कंटेनर में आमने-सामने टक्कर हो गई थी। हादसे में बीएमडब्ल्यू सवार चिकित्सक डॉ. आनंद प्रकाश समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। चिकित्सक के भाई डॉ. आदित्य प्रकाश की तहरीर पर हलियापुर थाने में पुलिस ने शनिवार को कंटेनर के साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के खिलाफ केस दर्ज किया था।

एक साथ हुई चार मौतों के बाद नींद से जागे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अधिकारियों ने रविवार को 83 किलोमीटर प्वाइंट के पास बने डिवाइडर और 85 किलोमीटर के पास बने डिवाइडर को तोड़वा दिया। डिवाइडर तुड़वाने के बाद उस स्थान पर सड़क बनाई जा रही है। लखनऊ से गाजीपुर की तरफ जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को 83 किमी. प्वाइंट के पास डिवाइडर तोड़कर बनाई जा रही सड़क से दूसरी तरफ निकाला जाएगा। गाजीपुर से लखनऊ की तरफ जाने वाले वाहन अपने रूट पर ही रहेंगे। 85 किमी. प्वॉइंट से 83 किमी. प्वॉइंट के बीच संकेतक लगाकर उनका दायरा एक लेन कम किया जाएगा।

गड्ढे वाले स्थान तोड़कर फिर से बनाई जाएगी सड़क

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के कंट्रोल रूम प्रभारी ओपी सिंह ने बताया कि छह अक्तूबर को माइल स्टोन 83.75 पर बरसात की वजह से 15 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया था। उसकी मरम्मत कराई गई थी, लेकिन काम ठीक से नहीं हो सका है। गड्ढे वाले स्थान की सड़क पूरी तरह से तोड़कर फिर से बनाई जाएगी। जब तक सड़क पूरी तरह से नहीं बन जाती है, तब तक माइल स्टोन 83 से लेकर माइल स्टोन 85 तक रूट वन-वे रहेगा।

लखनऊ से बलिया तक चालू नहीं किए गए कैमरे

पूर्वांचल एक्सप्रसेवे पर सरकार की ओर से कार की अधिकतम गति सीमा 100 किमी. तय की गई है। इससे अधिक गति पर चलने पर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे से स्वत: ऑनलाइन चालान कट जाना चाहिए। चालान के जुर्माना के भय से लोग वाहनों की गति नियंत्रित रखते हैं। पर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर अभी तक लखनऊ से बलिया के बीच गति सीमा वाले सीसीटीवी कैमरे नहीं चालू किए गए हैं।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हादसे का सबसे बड़ा कारण सड़क का सीधा न होना है। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर टेढ़ापन है। इसके साथ ही एक्सप्रसेवे पर उछाल ज्यादा है। इसकी वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं।

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