इलाहाबाद हाईकोर्ट से ही विवाहित लड़की को उठा ले गए गुंडे, जज ने दिए कड़े आदेश
हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस (UP Police) को कहा है कि अपहृत लड़की का पता लगाकर 17 मई तक कोर्ट में पेश करें।
एक तरफ यूपी सरकार (UP Government) की तरफ में प्रदेश में कानून व्यवस्था पटरी पर लाने को लेकर हर दूसरे दिन दावे किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर स इस चाक-चौबंद कानून व्यवस्था का आलम यह है कि हाईकोर्ट (High Court) में वकील के चैंबर (Chamber) से विवाहिता को अपहर्ता उठा ले जाते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) परिसर में हुई इस घटना पर कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है और पुलिस को कड़ निर्देश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस (UP Police) को कहा है कि अपहृत लड़की का पता लगाकर 17 मई तक कोर्ट में पेश करें। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अंतरजातीय विवाह (Inter Caste Marriage) करने वाली लड़की का वकील के चैंबर से अपहरण पर आश्चर्यजनक बताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने प्रयागराज एसएसपी और जौनपुर के एसपी को अपहृत लड़की का पता लगाकर 17 मई तक कोर्ट में पेश करने को कहा है।
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह आदेश न्यायमूर्ति उमेश कुमार ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर अंतरजातीय विवाह वाले प्रेमी युगल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। इससे पहले लड़की के परिवार वालों ने याची पर लड़की को अगवा करने का आरोप लगाया तो कोर्ट ने लड़की से ही असलियत जानने के लिए उसे पेश करने का निर्देश दिया था।
याची के अधिवक्ता मोहम्मद खालिद व पवन कुमार यादव ने कोर्ट को बताया है कि 20 अप्रैल को लगभग 20 लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उनके चैंबर में घुसकर लड़की का अपहरण कर लिया है इसलिए वह लड़की को पेश करने में असमर्थ हैं।
न्यायालय ने हाईकोर्ट के सामने स्थित अधिवक्ता चैंबर से अपहरण पर आश्चर्य जताया और प्रयागराज व जौनपुर पुलिस के आला अफसरों को लड़की को पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही वकीलों से चैंबर की घटना की सूचना सक्षम प्राधिकारी को देने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई अब 17 मई को होगी।
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर और गेट के आसपास से लड़कियों के अपहरण के मामले पुलिस के पास अक्सर पहुंचते हैं। शादी के बाद परिवार से खतरा भांपकर सुरक्षा की खतिर हाई कोर्ट आने पर परिवार के ही लोग जबरन उन्हें खींच ले जाते हैं। कई मामलों में फौरन सूचना मिलने पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए अपहरण करने वालों को गिरफ्तार भी किया है। पर हाईकोर्ट के बाहर इस तरह की घटनाओं का बार-बार होना यूपी की कानून व्यवस्था को तो कठघरे में खड़ा करता ही हैं। जहां यूपी सरकार बार-बार आपराधिक गतिविधियों लगे लोगों के खिलाफ बुल्डोजर चलाने की बात करती है।