UP Assembly : विधानसभा में लगी अदालत, 6 पुलिकर्मियों को सुनाई गई ये सजा, 18 साल पहले का है मामला

विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के दोषी इन सभी पुलिसकर्मियों को विधानसभा अध्यक्ष ने एक दिन की सजा सुनाई है।

Update: 2023-03-03 09:22 GMT

UP Assembly : उत्तर प्रदेश की विधानसभा (UP Assembly) में शुक्रवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला क्योंकि आज विधानसभा में अदालत लगी और कटघरे में कोई और नहीं पुलिसकर्मी (UP Police) पेश हुए. इतना ही नहीं इन्हें एक कारावास की सजा दी गई है. दरअसल 2004 के एक मामले में विधानसभा में सुनवाई हुई है। विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के दोषी इन सभी पुलिसकर्मियों को विधानसभा अध्यक्ष ने एक दिन की सजा सुनाई है। सजा 3 मार्च रात 12 बजे तक की होगी। इस दौरान सभी पुलिसकर्मियों को विधानसभा में बनी सेल के लॉकअप में रखा जाएगा। सजा पर फैसला होने के बाद मार्शल सभी पुलिसकर्मियों को सदन से लॉकअप में ले गए। 

जानें- क्या है पूरा मामला?

विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का यह मामला 2004 का है। तब सपा की सरकार थी, मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। कानपुर में बिजली कटौती के विरोध में सतीश महाना (जो अब विधानसभा अध्यक्ष हैं) धरने पर बैठे थे। उनके साथ तब के स्थानीय भाजपा विधायक सलिल विश्नोई और कार्यकर्ता थे।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बीजेपी विधायक और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। इसमें सलिल विश्नोई का पैर टूट गया। कई भाजपा कार्यकर्ताओं को चोट आई। इसके बाद विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना 25 अक्टूबर 2004 को विधानसभा सत्र में रखी गई थी।

7 महीने सुनवाई, 17 साल पहले ठहराए जा चुके दोषी

विधानसभा से मिली जानकारी के मुताबिक, विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में इन सभी 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ साल 2004 से मई 2005 तक सुनवाई हुई। सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 17 साल पहले सभी पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया जा चुका था। लेकिन 2005 के बाद से अभी तक सजा का ऐलान नहीं हुआ था।

6 पुलिसकर्मियों की पेशी, बाद में एक बने IAS

कानपुर में लाठीचार्ज के दौरान जिन 6 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया था। उनमें तब के सीओ अब्दुल समद के अलावा किदवई नगर के थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, एसआई थाना कोतवाली त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के सिपाही छोटे सिंह यादव, काकादेव थाने के सिपाही विनोद मिश्र और काकादेव थाने के सिपाही मेहरबान सिंह शामिल हैं। ये सभी कानपुर में उस वक्त शहर के ही विभिन्न थानों में तैनात थे।

अब्दुल समद बाद में प्रशासनिक सेवा में आ गए थे। इसके बाद वह आईएएस के पद से हाल ही में रिटायर हुए हैं। वहीं, ऋषिकांत शुक्ला, त्रिलोकी सिंह, छोटे सिंह, विनोद मिश्र और मेहरबान सिंह अभी पुलिस सेवा में हैं।

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