UP Elections : BJP के संपर्क में वाले दावे पर शिवपाल यादव का आया बड़ा बयान, मैं सपा छोड़कर कहीं नहीं जा रहा, भले ही Akhilesh Yadav...
भाजपा के इस सनसनीखेज दावे का खुद शिवपाल यादव ने खंडन किया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (UP Chunav 2022) में जारी सियासी उठापटक के बीच यूपी बीजेपी ज्वाइनिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने दावा किया कि शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) भाजपा के संपर्क में हैं. भाजपा के इस सनसनीखेज दावे का खुद शिवपाल यादव ने खंडन किया है. लक्ष्मीकांत बाजपेई के दावों पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav News) ने कहा कि उनका बयान पूरी तरह से निराधार और गलत है. वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि वह अखिलेश के नेतृत्व वाले समाजवादी पार्टी गठबंधन के ही साथ हैं और वह सपा छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं.
शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने अपने ट्विटर हैंडल पर बयान जारी कर लिखा, 'लक्ष्मीकांत बाजपेई जी के इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है कि मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकता हूं. यह दावा पूर्णतया निराधार और तथ्यहीन है. मैं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ हूं और अपने समर्थकों से आह्वान करता हूं कि प्रदेश की भाजपा सरकार को उखाड़ कर फेंक दें एवं प्रदेश में समाजवादी पार्टी के गठबंधन वाली सरकार बनाएं.'
दरअसल, यूपी बीजेपी ज्वाइनिंग कमिटी के चेयरमैन डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने यह बयान देकर उत्तर प्रदेश का सियासी पारा और बढ़ा दिया था कि अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भी भाजपा के संपर्क में हैं. डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने न्यूज18 से खास बातचीत में कहा था कि शिवपाल सिंह भाजपा के संपर्क में हैं. शिवपाल यादव को सपा प्रमुख अखिलेश ने झटका दिया और अब शिवपाल बीजेपी के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश से अपना परिवार नहीं संभल रहा है. अखिलेश यादव से अपने परिवार की टूटन नहीं संभल रही. अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने पर लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि इससे दोनों को फायदा होगा.
मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने जिस तरह से भाजपा का दामन थामकर अखिलेश को झटका दिया है, ऐसे में शिवपाल को लेकर भाजपा के दावों से सनसनी फैल गई. गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मतभेदों के बाद शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था. समाजवादी पार्टी में वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच लड़ाई थी. हालांकि, अब शिवपाल यादव की पार्टी का अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन हो गया है.