UP News: 36 साल पुराने मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, मिली आजीवन कारावास की सजा
फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को आज एक मामले में दोषी करार देते हुए, कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल गाजीपुर में 36 वर्ष पहले फर्जीवाड़ा कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (MP- MLA) अवनीश गौतम की अदालत ने दोषी करार मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने इस मामले में 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अभियोजन पक्ष का पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ दलील था कि 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था। इस फर्जीवाड़ा का उजागर होने पर CBCID द्वारा 4 दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार अंसारी,तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत 5 नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित कर दी गई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध दायर वाद को 2021 में समाप्त कर दिया गया था।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन,पूर्व DGP देवराज नागर समेत दस गवाहों का बयान दर्ज किया गया। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से ADGC विनय कुमार सिंह व CBCID की ओर से सीनियर अभियोजन अधिकारी उदयराज शुक्ला ने दमदार पैरवी की थी।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ा मुख्तार
इससे पहले नेट समस्या के चलते आधे घंटे बाद मुख्तार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़ सका। सुनवाई के दौरान उसने कहा कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। रुक- रुककर आवाज आ रही है। बाद में अपने अधिवक्ता आदित्य वर्मा से अदालत से अनुमति लेकर पांच मिनट बात करने का अनुरोध भी किया। जिस पर कोर्ट ने अनुमति दे दी।