UP Election Result : दलबदलुओं को नहीं मिला जनता का साथ, यूपी चुनाव में धराशायी हुए पार्टी बदलने वाले ये नेता
चुनाव से पहले कई सारे नेताओं ने अपना दल बदला और दूसरी पार्टी में जाकर शामिल हो गए. लेकिन इन दलबदलू नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा..
Uttar Pradesh Assembly Election Result 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कई सारे नेताओं ने अपना दल बदला और दूसरी पार्टी में जाकर शामिल हो गए. लेकिन प्रदेश की जनता ने इन दलबदलू नेताओं का साथ नहीं दिया और इन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है. यूपी विधानसभा चुनाव में इन नेताओं का जादू नहीं चल सका और निराश हाथ लगी.
1.स्वामी प्रसाद मौर्य (फाजिलनगर)
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी का हाथ थाम लिया था. समाजवादी पार्टी की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य ने फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. इस सीट पर बीजेपी की ओर से सुरेन्द्र कुशवाहा खड़े थे. जिन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को भारी मतों के अंतर से हराया है.
2.धर्म सिंह सैनी (नकुड़)
धर्म सिंह सैनी (Dharam Singh Saini) ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी को छोड़ दिया था और ये भी सपा पार्टी में शामिल हो गए थे. ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में मंत्री हुआ करते थे. लेकिन चुनाव के समय इन्होंने पार्टी बदल ली. सपा की ओर से इन्हें नकुड़ सीट से टिकट दी गई. लेकिन ये कुछ कमाल नहीं कर सके और बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश चौधरी से चुनाव हार गए.
3.हरिओम यादव (सिरसागंज)
दलबदलू नेताओं की सूची में अगला नाम हरिओम यादव का है, जो कि मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के काफी करीबी माने जाते हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद हरिओम यादव को पार्टी की ओर से सिरसागंज विधानसभा से टिकट दी गई. इस सीट पर समाजवादी पार्टी की ओर से सर्वेश सिंह को खड़ा किया गया. सर्वेश सिंह ने हरिओम यादव को बेहद ही आसानी से हरा दिया.
4.नरेश सैनी (बेहट)
भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए नरेश सिंह सैनी को बेहट विधानसभा सीट से टिकट दी गई. लेकिन इनका जादू नहीं चल सका. इस सीट पर सपा की ओर से उमर अली खान ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. आपको बता दें कि साल 2017 में कांग्रेस की टिकट से नरेश सिंह सैनी ने बेहट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद ये चुनाव हार गए.
5.सुप्रिया ऐरन (बरेली)
विधानसभा चुनाव से पहले कई सारे नेताओं ने पार्टियां बदली थी. जिनमें से सुप्रिया ऐरन भी एक हैं. सुप्रिया ऐरन कांग्रेस को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुई थीं. सुप्रिया ऐरन ने बरेली कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन इस सीट पर बीजेपी के संजीव अग्रवाल ने जीत हासिल की है.
6.अवतार सिंह भड़ाना (जेवर)
अवतार सिंह भड़ाना ने भी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का साथ छोड़ दिया था और राष्ट्रीय लोकदल की टिकट से जेवर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. इस सीट पर बीजेपी की ओर से धीरेंद्र सिंह को खड़ा किया गया. जिन्होंने अवतार सिंह भड़ाना को हरा दिया है.
7.संजय सिंह (अमेठी)
कांग्रेस पार्टी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए संजय सिंह ने अमेठी सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन अमेठी के लोगों ने उनका साथ नहीं दिया. इस सीट से संजय सिंह को सपा की उम्मीदवार महराजी देवी प्रजापति से हार मिली है.
8. बृजेश कुमार प्रजापति (तिंदवारी)
भाजपा छोड़कर सपा में जाने वाले नेताओं की लिस्ट में बृजेश कुमार प्रजापति का भी नाम था. भाजपा से किनारा कर सपा में पहुंचे बृजेश को जनता ने उनके दल बदल का परिणाम दे दिया है. उन्हें भाजपा प्रत्याशी रामकेश निषाद से हार का सामना करना पड़ा है.
9. रोशन लाल वर्मा (तिलहर)
भाजपा छोड़ने वालों में रोशनलाल वर्मा का नाम भी शामिल था. लेकिन अन्य नेताओं की तरह उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा. भाजपा से प्रत्याशी सलोना कुशवाहा ने रोशन लाल वर्मा को तिलहर विधानसभा सीट से करारी शिकस्त दी.
10. माधुरी वर्मा (नानपारा)
माधुरी वर्मा का नाम भी उन विधायकों की लिस्ट में था जिन्होंने चुनाव से पहले कमल का साथ छोड़कर साइकिल का सवारी की थी. लेकिन उनकी यह सवारी जनता को रास नहीं आई. माधुरी वर्मा को अपना दल के प्रत्याशी राम निवास से हार का सामना करना पड़ा.
11. हाजी इकराम कुरैशी (मुरादाबाद ग्रामीण)
सपा से कांग्रेस में आए विधायक हाजी इकराम कुरैशी मुरादाबाद ग्रामीण से चुनाव हार गए।