योगी सरकार ने यूपी में छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों के मामले में हाजिरी के नियम सख्त कर दिए हैं। अब नये नियम के मुताबिक संस्था को आधार बेस हाजिरी को हर माह प्रमाणित करते हुए छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
समाज कल्याण के सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्रा बताते हैं कि आधार बेस हाजिरी के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। एससी-एसटी नियमावली में इसे शामिल भी किया गया है। आधार बेस अटेंडेंस अंगूठे या उंगलियों के निशान, चेहरे की पहचान या कॉलेज परिसर में पहुंच कर कहीं से भी लगाई जा सकेगी।
अधिकारी बताते हैं कि अटेंडेंस का ब्योरा एनआईसी में रखे जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। आधार बेस अटेंडेंस का सिस्टम संस्थान परिसर में स्थापित होगा। संस्थान जिस विश्वविद्यालय या एजेंसी से संबद्ध हैं, हाजिरी प्रतिदिन वहां जाएगी। वहां से एनआईसी को जाएगी। फिर एनआईसी छात्रों की हाजिरी का डाटा समाज कल्याण को देंगे।
छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति के लिए छात्र-छात्राओं को अब आधार बेस अटेंडेंस से गुजरना होगा। यानी कि छात्रवृत्ति के जरिए पढ़ाई करने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से बॉयोमिट्रिक पहचान के जरिए हाजिरी लगानी होगी। इसके लिए विश्वविद्यालयों समेत सभी संस्थानों को आधार बेस उपस्थिति प्रणाली को स्थापित करना होगा।
छात्रवृत्ति वितरण के दौरान हाजिरी का मिलान किया जाएगा। संस्थान चाह कर भी अब छात्रों की अटेंडेंस के साथ छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। अभी तक संस्थान 75 फीसदी हाजिरी को प्रमाणित करके विभाग को भेज देते थे। सूत्र बताते हैं ऐसे में संस्थानों की मनमानी चलती थी। वह अधिकतर छात्रों की हाजिरी 75 प्रतिशत प्रमाणित कर भेज देते थे।